जयपुर, 11 जून 2024 – राजस्थान की भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान चलाए गए ‘प्रशासन शहरों के संग अभियान’ में जारी किए गए 9 लाख से अधिक पट्टों की पुन: समीक्षा करवाने का निर्णय लिया है। इस कदम को राज्य की प्रशासनिक गतिविधियों में पारदर्शिता और वैधता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
पृष्ठभूमि:
गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में ‘प्रशासन शहरों के संग अभियान’ के तहत बड़े पैमाने पर पट्टे जारी किए थे। इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को उनकी भूमि और संपत्ति पर अधिकार पत्र उपलब्ध कराना था, जिससे वे सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ उठा सकें। इस अभियान को व्यापक जनसमर्थन मिला और लाखों लोगों को इससे लाभान्वित बताया गया।
समस्या की जड़:
हालांकि, भजनलाल सरकार के आने के बाद, कई पट्टों के वितरण में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। कुछ राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने इस संबंध में शिकायतें दर्ज करवाई हैं कि कई पट्टे नियमों के उल्लंघन के साथ जारी किए गए थे। इसके अलावा, कुछ पट्टों को लेकर दस्तावेजों में गलतियां और विसंगतियां भी पाई गई हैं।
समीक्षा की आवश्यकता:
भजनलाल सरकार ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सभी 9 लाख से अधिक पट्टों की समीक्षा करवाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल ने एक बयान में कहा, “हमारी सरकार नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह समीक्षा प्रक्रिया पट्टों की वैधता सुनिश्चित करने और किसी भी प्रकार की अनियमितता को उजागर करने के लिए आवश्यक है।”
समीक्षा प्रक्रिया:
समीक्षा प्रक्रिया के तहत एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें प्रशासनिक और कानूनी विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह समिति प्रत्येक पट्टे की जांच करेगी और किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई करेगी। इस प्रक्रिया के दौरान, लाभार्थियों के हितों का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि किसी निर्दोष नागरिक को अनावश्यक परेशानी न हो।
भविष्य की दिशा:
सरकार का यह कदम राज्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि इससे नागरिकों का विश्वास भी बहाल होगा। इसके अलावा, इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप भविष्य में पट्टों के वितरण में और भी अधिक सतर्कता बरती जाएगी।
निष्कर्ष:
भजनलाल सरकार द्वारा ‘प्रशासन शहरों के संग अभियान’ में जारी पट्टों की समीक्षा का निर्णय एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम है। इससे न केवल गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई अनियमितताओं का खुलासा हो सकेगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने में भी मदद मिलेगी। सरकार इस कदम राज्य से सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत संदेश देना चाहती है।