यूएनएससी के लिए बेल्जियम ने भारत का समर्थन किया: बेल्जियम के पूर्व प्रधानमंत्री यवेस लेटरमे ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थायी सदस्य बनाए जाने की पुरजोर वकालत की. उन्होंने कहा है कि इस तरह के कदम से परिषद की वैधता और प्रतिनिधित्व में बढ़ोतरी होगी. लेटरमे ने PTI को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि UNSC को 21वीं सदी की वास्तविकताओं के अनुरूप ढलने की आवश्यकता है.
बेल्जियम के पूर्व प्रधानमंत्री यवेस लेटरमे भारत के भू-राजनीतिक कद को ऊंचा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि देश ने बहुपक्षीय परिदृश्य में मजबूत स्थिति बना ली है. लेटरमे ने भारत पश्चिम एशिया यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) की सराहना की और उसे चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) का पूरक बताया.
IMEC को बताया BRI का पूरक
पूर्व प्रधानमंत्री यवेस लेटरमे ने भारत पश्चिम एशिया यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) पर कहा कि ये कॉरिडोर चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) पहल का पूरक है और उसे पूर्ण करता है. लेटरमे ने यूक्रेन-रूस संघर्ष के भू-राजनीतिक परिणाम का जिक्र करते हुए बहुपक्षीय संस्थानों में अधिक न्यायसंगत भूमिकाएं दिए जाने की वकालत की. उन्होंने विशेष रूप से भारत, ब्राजील और अफ्रीकी देशों की अधिक भागीदारी का आग्रह किया.
भारत और ब्राजील को शामिल करने की वकालत
लेटरमे ने बहुपक्षवाद में भारत की अधिक प्रमुख भूमिका की अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार कर इसके पांच स्थायी सदस्यों (रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका) के अलावा भारत और ब्राजील को भी शामिल किया जाना चाहिए. इसकी मदद से परिषद की ओर से किए गए कामों की वैधता बढ़ जाएगी और यह बेहतर प्रतिनिधित्व करेगा. आप 21वीं सदी की समस्याओं को 20वीं सदी की व्यवस्थाओं और समाधानों से नहीं निपटा सकते.
भारत की दावेदारी का समर्थन
लेटरमे ने UNSC की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को पुनर्गठित करने की जरूरत है ताकि भारत, ब्राजील और कुछ अन्य उभरते देशों को अपनी बात कहने और निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करने का अधिकार मिल सके.’’