बेगूसराय, बिहार: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर शनिवार को एक हमला करने की कोशिश की गई। यह घटना उस समय हुई जब गिरिराज सिंह बेगूसराय के बलिया प्रखंड में आयोजित जनता दरबार से निकल रहे थे। वहां मौजूद एक शख्स ने उन पर मुक्का चलाने की कोशिश की, लेकिन गनीमत रही कि मंत्री बाल-बाल बच गए। तत्काल मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उक्त व्यक्ति को पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। घटना के बाद गिरिराज सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह इस प्रकार के प्रयासों से डरने वाले नहीं हैं।
जनता दरबार में हुआ हमला
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जनता दरबार में स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुन रहे थे। इसी दौरान सैफी नामक एक मुस्लिम युवक वहां पहुंचा और उसने माइक को अपने कब्जे में ले लिया। सैफी ने मंच से विवादित बयानबाजी शुरू कर दी, जिसके विरोध में बीजेपी कार्यकर्ताओं और उपस्थित लोगों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। इस बीच सैफी ने गिरिराज सिंह पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की तत्परता से मंत्री को सुरक्षित बचा लिया गया। बताया जा रहा है कि आरोपी सैफी वार्ड का पार्षद है।
गिरिराज सिंह का बयान
इस घटना के बाद गिरिराज सिंह ने मीडिया से बातचीत में इस हमले की निंदा की और कहा, “दाढ़ी बढ़ाने से कोई मुल्ला नहीं बन जाता। इस प्रकार के कट्टरपंथी तत्व जो मुस्लिम समुदाय के नाम पर भय फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे मैं डरने वाला नहीं हूँ।” उन्होंने इस हमले के लिए बिहार में तेजस्वी यादव और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव जैसे नेताओं के समर्थन को जिम्मेदार ठहराया। उनके अनुसार, इन नेताओं के समर्थन से कट्टरपंथियों का मनोबल बढ़ा है, जो अब सांसदों पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे हैं।
वक्फ बोर्ड पर सवाल
गिरिराज सिंह ने इस मौके पर वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड द्वारा न केवल फतुहा बल्कि बेगूसराय में भी हिंदुओं की जमीन पर कब्जे के नोटिस भेजे जा रहे हैं और उसे अपना बताया जा रहा है। उनका आरोप है कि वक्फ बोर्ड वर्तमान में जमीन जुटाव अभियान चला रहा है, जो सामाजिक सौहार्द्र को खतरे में डाल सकता है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का समर्थन
गिरिराज सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान “बटोगे तो कटोगे” का समर्थन करते हुए कहा कि यह सत्य है। उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की, ताकि सनातन धर्म और उनकी सुरक्षा की रक्षा की जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हिंदू समुदाय संगठित नहीं हुआ तो अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जैसे नेता भारत को इस्लामिक देश बनाने की कोशिश कर सकते हैं।