पिलानी: बाल दिवस पर कस्बे में भावनाओं से भरा अनोखा नज़ारा देखने को मिला, जहां उत्सव की चमक से दूर डॉ. करण बेनीवाल और डॉ. अनीता बुडानिया ने झुग्गियों में रहने वाले बच्चों तक शिक्षा सामग्री पहुँचाकर उनके सपनों को नई उड़ान दी। पिलानी में बाल दिवस सेवा कार्य, प्रेरक कहानी और मानवता की मिसाल की वजह से यह खबर तेजी से वायरल हो रही है।
पिलानी में बाल दिवस कार्यक्रमों के बीच डॉ. अनीता बुडानिया और डॉ. करण बेनीवाल जब कस्बे की झुग्गी बस्तियों में पहुँचे, तो छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में कॉपी, किताबें, पेंसिल और ज्योमेट्री बॉक्स देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बच्चों की आँखों में चमक और उत्साह साफ झलक रहा था। यह पहल केवल उपहार नहीं, बल्कि उन बच्चों के भविष्य में नई उम्मीद का उजाला भी बनी।
डॉ. करण बेनीवाल और डॉ. अनीता बुडानिया ने कहा कि किसी भी समाज की असली प्रगति बच्चों की शिक्षा से ही होती है। उनका मानना है कि यदि किसी एक बच्चे को भी आगे बढ़ने में मदद मिलती है, तो यह उनके लिए गर्व और सौभाग्य की बात है। बाल दिवस पर दिया गया यह मानवीय संदेश, पिलानी में शिक्षा जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को और मजबूत करता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि डॉक्टर दंपत्ति की यह पहल न केवल मानवीय स्पर्श लिए हुए है, बल्कि यह समाज को प्रेरित करने वाला प्रयास भी है। उनके अनुसार ऐसी गतिविधियाँ बच्चों में आत्मविश्वास जगाती हैं और समाज को शिक्षा के महत्व का संदेश देती हैं। पिलानी में जरूरतमंद बच्चों के बीच पहुंचकर दिया गया यह उपहार सामाजिक बदलाव का उदाहरण बन गया है|




