झुंझुनूं: जिले के चिड़ावा कस्बे के निवासी बलिदानी राकेश कुमार पायल की पार्थिव देह शनिवार को तिरंगे में लिपटकर जब अपने पैतृक नगर पहुंची, तो पूरे क्षेत्र में शोक और गर्व का भाव एक साथ देखने को मिला। राकेश कुमार बीएसएफ में एएसआई पद पर पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में तैनात थे और 67वीं बटालियन में रेडियो ऑफिसर के रूप में कार्यरत थे। वे आगामी रविवार को अवकाश पर घर लौटने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
चिड़ावा में शनिवार दोपहर जब उनकी पार्थिव देह पहुंची, तो माहौल गमगीन हो गया। ओजटू तिराहे से तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह को तिरंगा यात्रा के रूप में सैनिक सम्मान के साथ उनके निवास तक लाया गया। इस दौरान रास्ते में अनेक लोग श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़े। हर आंख नम थी, और सिर गर्व से ऊंचा।
सबसे भावुक क्षण तब आया, जब राकेश की बहन ने अपने बलिदानी भाई को अंतिम विदाई देते हुए सैन्य सम्मान में सैल्यूट किया और भावुक होते हुए कहा कि उसे गर्व है कि उसका भाई तिरंगे में लिपटकर लौटा है। यह पल वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर गया।
राकेश कुमार पायल एक अनुशासित और समर्पित जवान के रूप में जाने जाते थे। उनकी ड्यूटी के प्रति निष्ठा और परिवार व देश के प्रति उनका समर्पण उनके सहकर्मियों और परिजनों के लिए हमेशा प्रेरणा बना रहेगा।
बलिदानी जवान की अंतिम यात्रा में भाजपा जिला महामंत्री राजेश दहिया, पूर्व पालिकाध्यक्ष सुभाष शर्मा, वरिष्ठ पार्षद योगेन्द्र कटेवा, राजेंद्र पाल सिंह कोच, शीशराम सैनी बिल्लू, पार्षद निरंजन लाल सैनी, निखिल चौधरी, सत्यपाल जांगिड़, गंगाधर सैनी, देवेंद्र सैनी, कृष्ण कुमार स्वामी, संजय नूनिया, राजेश गोदारा, डॉ. हरिसिंह पायल, गौरव सेनानी संघ के शीशराम डांगी, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष नरेंद्र गिरधर, भाजयुमो नगर अध्यक्ष अशोक शर्मा, राजेश वर्मा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, परिजन, प्रशासनिक अधिकारी, और गणमान्यजन उपस्थित रहे।
चिड़ावा की धरती ने एक और सपूत को अंतिम विदाई दी, जिसकी देश सेवा की गाथा अब लोगों की यादों में अमर हो गई है।