पिलानी: बनगोठडी कला के आईटी सेंटर में आज एक बार फिर से तहसीलदार कमलदीप पूनिया की अगवाई में एक टीम समझाइश हेतु बनगोठडी के ग्रामीणों से वार्ता के लिए पहुंची। टीम मे अधिशाषी अभियंता वाटर सेंटर सुभाष चंद्र, जलदाय विभाग झुंझुनू एस सी शरद माथुर, एक्सईएन पीएचईडी मदन लाल मीणा, एक्सईएन सिंचाई विभाग महेश बूरदक, सहायक विकास अधिकारी सुखदेव, सहायक विकास अधिकारी विनोद आदि शामिल थे।
बैठक मे ग्रामीण हवा सिंह ने जब पूछा की सर्वे कब तक पूरा कर लिया जाएगा तब अधिकारी इसकी कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सके, आचार संहिता लगने के कारण काम धरातल स्तर पर कब शुरू होगा इसके बारे में भी अधिकारीगण कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
ग्रामीणों के अनुसार अधिकारीगण ने समस्या के पूर्ण समाधान मे लगभग 5 साल लगना तय बताया। ग्रामीण थानेदार सूरत सिंह धनखड़ ने अधिकारीयों से पूछा व सुझाव दिया कि जब यमुना का पानी आपके बताएं मुताबिक 5 साल से पहले तो किसी भी हालत में नहीं आएगा और समय ज्यादा भी लग सकता है तब तक ग्रामीण जन क्या प्यासे रहेंगे? इसके लिए तब तक क्यों ना किसी वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया जाए। चूंकि अधिकतर ग्रामीण गांव से दूर खेतों में निवास करते हैं, वहां न तो किसी भी प्रकार की कोई टंकी है और ना ही पानी के भंडारण की कोई व्यवस्था तो इसके लिए भी आपको गांव की ढाणीयो में पानी के भंडारण की व्यवस्था करवानी चाहिए और बरसात के पानी के लिए कुंड या टांको की व्यवस्था करवानी चाहिए।
डीपीआर कब तक बनेगी और कब तक यमुना का पानी शेखावाटी को मिलेगा इस हेतु टीम के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था ना ही कहां पर रिजर्वेयर बनेंगे कितना पानी और कब-कब सिंचाई के लिए मिलेगा इस बारे में भी टीम ग्रामीणों को संतुष्टकर नही पाई।
संतोषजनक जवाब नही मिलने पर ग्रामीण फिर एक बार ‘जब तक जल नहीं तब तक मत नहीं’ की अपनी बात पर टस से मस नहीं हुए तथा बहिष्कार के अपने निर्णय पर अटल रहे।
बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा हजारी सिंह सरपंच, राजीव मेघवाल, प्रमोद सिंह, लीलाराम फौजी, सतबीर सिंह, मीर सिंह, बुध सिंह, सुरेंद्र धतरवाल, निरंजन सिंह फौजी, गोविंद, राजेंद्र पूनिया, पवन कुमार पुनिया, वेद प्रकाश, डीपी बनगोठडी, राजू पूनिया, कैप्टन पंकज कुमार, सूबे सिंह, मेजर सुभराम, लीला राम, हवलदार तुलसी राम, ओमप्रकाश, धनखड़, आशीष (सरपंच), धर्मपाल प्रजापत, मीर सिंह आदी ग्रामीण उपस्थित रहे।