Wednesday, April 16, 2025
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प्रयागराज: IITian बाबा के महाकुंभ में चर्चित होने के बाद परिवार ने तोड़ी चुप्पी, पिता ने लगाई ये गुहार

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में इस बार देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और महात्मा पहुंचे हैं। इन्हीं के बीच एक अनोखी हस्ती, बाबा अभय सिंह, सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर छाए हुए हैं। आईआईटी से पढ़ाई करने वाले बाबा अभय सिंह ने आध्यात्मिक मार्ग को चुना है और उनकी कहानी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

झज्जर से आईआईटी मुंबई तक का सफर

बाबा अभय सिंह मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले के निवासी हैं। उनके पिता करण ग्रेवाल झज्जर कोर्ट में अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं। परिवार की कड़ी मेहनत और समर्पण से अभय ने आईआईटी मुंबई से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने मास्टर्स ऑफ डिज़ाइन का कोर्स किया और दिल्ली व कनाडा में नौकरी भी की। हालांकि, आधुनिक जीवन को त्यागकर आध्यात्म की ओर कदम बढ़ाने का उनका निर्णय उनके परिवार और गांव वालों के लिए हैरानी का विषय रहा।

परिवार से दूरी, आध्यात्म की राह

बाबा अभय सिंह ने पिछले कुछ वर्षों से अपने परिवार से पूरी तरह संपर्क तोड़ लिया है। उनके पिता ने बताया कि छह महीने पहले आखिरी बार उनकी अभय से बात हुई थी, जिसके बाद अभय ने सभी नंबर ब्लॉक कर दिए। अपने बेटे के इस बदलाव को समझने के लिए उन्होंने भिवानी अस्पताल में डॉक्टरों से भी परामर्श लिया, लेकिन अब मानते हैं कि अभय का घर लौटना संभव नहीं है।

महाकुंभ में साधु अभय सिंह की लोकप्रियता

महाकुंभ के पावन अवसर पर बाबा अभय सिंह साधुओं और श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। उनके पास बड़ी संख्या में लोग आध्यात्मिक मार्गदर्शन और ज्ञान प्राप्त करने आते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी सादगी और गहरी विचारधारा की खूब सराहना हो रही है। प्रयागराज में उनके प्रवचन और धार्मिक क्रियाकलापों ने उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बना दिया है।

आधुनिक शिक्षा से आध्यात्मिकता की ओर

दिल्ली और कनाडा में काम करने के बाद अभय का हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भ्रमण उनके आध्यात्मिक परिवर्तन का महत्वपूर्ण चरण रहा। उन्होंने समाज की भौतिकता से परे जाकर आत्मिक शांति और साधना को अपनाया। उनके पिता करण ग्रेवाल बताते हैं कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली कि अभय प्रयागराज महाकुंभ में मौजूद हैं और लोगों को जीवन के गहरे अर्थ और अध्यात्म का संदेश दे रहे हैं।

समाज और परिवार की उम्मीदें

बाबा अभय सिंह के बाबा बनने के बाद उनके परिवार ने उनके निर्णय को स्वीकार करने की कोशिश की है। हालांकि, उनके परिजन आज भी उनकी वापसी की उम्मीद में हैं। करण ग्रेवाल का मानना है कि यह एक कठिन लेकिन आत्मिक निर्णय है और अभय का घर लौटना शायद अब संभव नहीं होगा।

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