Tuesday, May 20, 2025
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प्रकृति सेवक बीरबल सिंह चौहान के जीवन पर आधारित पुस्तक का हुआ लोकार्पण, डॉ. मधुबाला बजाज द्वारा रचित पुस्तक का विमोचन अखिल भारतीय संस्कृत विद्वत कार्यक्रम में संपन्न

चिड़ावा, 19 मई 2025: निकटवर्ती गांव इस्माइलपुर के पर्यावरण संरक्षक और समाजसेवी बीरबल सिंह चौहान के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘प्रकृति सेवा प्रवण बीरबल सिंह चौहान’ का लोकार्पण जयपुर में आयोजित एक गरिमामय समारोह में किया गया। संस्कृत संस्कृति संवर्धन संस्थान, जयपुर एवं राजकीय महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अखिल भारतीय संस्कृत विद्वत सम्मान एवं विशिष्ट व्याख्यान कार्यक्रम के दौरान इस पुस्तक का विमोचन किया गया।

पुस्तक लेखिका डॉ. मधुबाला बजाज ने अपने शोध के माध्यम से बीरबल सिंह चौहान के पर्यावरण संरक्षण में किए गए महत्वपूर्ण योगदान, प्रयासों और प्रेरणादायी जीवन यात्रा को विस्तार से प्रस्तुत किया है। यह कृति पर्यावरण और समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए प्रेरणास्रोत सिद्ध हो सकती है।

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कार्यक्रम में शामिल हुए अनेक गणमान्य अतिथि

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लोकसभा सांसद राव राजेन्द्र सिंह (जयपुर ग्रामीण) उपस्थित रहे। विशिष्ट वक्ता के रूप में ओम प्रकाश व्यास (अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति दिल्ली सरकार एवं अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय) ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
अन्य अतिथियों में संस्थान संरक्षक प्रबुद्ध शास्त्री, संस्थान अध्यक्ष गोपाल चंद्र शर्मा, निदेशक शिव शरण नाथ त्रिपाठी, रेनवाल स्थित निंबार्क पीठ के महंत जुगल किशोर, महाविद्यालय की प्राचार्य शालिनी सक्सेना शामिल रहे।

संस्कृत विद्वानों और लेखकों की रही विशेष उपस्थिति

इस अवसर पर देशभर से आए संस्कृत विद्वान, लेखक, शिक्षक एवं साहित्य प्रेमियों ने समारोह में भाग लिया। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और अधिक बढ़ाया। आयोजन का संचालन लेखिका डॉ. मधुबाला बजाज और संस्थान संयोजक मदन मोहन शास्त्री द्वारा किया गया।

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पर्यावरण चेतना का एक प्रामाणिक दस्तावेज

‘प्रकृति सेवा प्रवण बीरबल सिंह चौहान’ पुस्तक सिर्फ एक व्यक्ति की जीवनी नहीं, बल्कि पर्यावरण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की महत्ता को रेखांकित करती एक सशक्त रचना है। यह कृति पाठकों को न केवल बीरबल सिंह चौहान के जीवन से परिचित कराती है, बल्कि उन्हें प्रकृति के प्रति जागरूक भी बनाती है।

इस विमोचन कार्यक्रम ने न केवल एक पुस्तक को समाज के समक्ष प्रस्तुत किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता और गंभीरता को भी मंच प्रदान किया।

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