दिल्ली में ली अंतिम सांस, भुवनेश्वर में होगा अंतिम संस्कार
नई दिल्ली: केंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे देवेंद्र प्रधान का सोमवार सुबह 10:30 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। देवेंद्र प्रधान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता थे और पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएँ दे चुके थे।
भुवनेश्वर में होगा अंतिम संस्कार
जानकारी के अनुसार, एम्स दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर लाया गया। वहां से पार्थिव शरीर को भुवनेश्वर और फिर पुरी के स्वर्गद्वार ले जाया जाएगा, जहां हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

राजनीतिक सफर: डॉक्टर से राजनेता तक का सफर
देवेंद्र प्रधान का जन्म 16 जुलाई 1941 को अविभाजित ढेंकानाल जिले में हुआ था। वे पेशे से एक सरकारी डॉक्टर थे, लेकिन उनकी मजबूत इच्छाशक्ति और समाज सेवा की भावना ने उन्हें राजनीति की ओर आकर्षित किया। 1980 में वे तालचेर मंडल के अध्यक्ष चुने गए और इसके बाद 1983 से 1985 और 1985 से 1988 तक ढेंकानाल जिले के भाजपा अध्यक्ष का दायित्व संभाला।
उन्होंने 1988 से 1990 और 1993 से 1995 तक दो बार ओडिशा भाजपा अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएँ दीं। इसके बाद 1997-98 में वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी बने।
वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे
देवेंद्र प्रधान 1998 में हुए 12वें लोकसभा चुनाव में देवगढ़ लोकसभा सीट से विजयी हुए और संसद पहुंचे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उन्हें परिवहन मंत्री का कार्यभार सौंपा गया। इसके बाद 13वें लोकसभा चुनाव में वे दोबारा देवगढ़ सीट से सांसद बने और पुनः वाजपेयी मंत्रिमंडल में मंत्री बनाए गए।
उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ओडिशा में भाजपा को मजबूत करने में अहम योगदान दिया।

राजनीतिक जगत ने जताया शोक
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने कहा, “देवेंद्र प्रधान एक लोकप्रिय जननेता और कुशल सांसद थे। केंद्रीय परिवहन और कृषि मंत्री के रूप में उन्होंने बेहतरीन कार्य किया। उनकी नेतृत्व क्षमता और जनसेवा की भावना अद्वितीय थी। ओडिशा में भाजपा को मजबूत करने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।”
उन्होंने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से फोन पर बात कर संवेदना व्यक्त की और परिवार को इस दुख की घड़ी में सहनशक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
नवीन पटनायक ने व्यक्त किया शोक
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद नेता नवीन पटनायक ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “देवेंद्र प्रधान का निधन ओडिशा की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। वे भाजपा संगठन के एक मजबूत स्तंभ थे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और प्रशासनिक कुशलता का परिचय दिया।”