नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर सोमवार को ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने पुलिस कर्मियों के बलिदानों को याद करते हुए कहा कि यह दिन उन वीर पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के असीम त्याग और बलिदान को सम्मानित करने का महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
सोशल मीडिया पर भी अमित शाह ने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपने संदेश में शाह ने लिखा, “पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मैं उन सभी शहीदों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन हमें उनके बलिदान को याद दिलाता है, जिनके साहस और समर्पण के कारण हमारा देश सुरक्षित है।”
21 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस?
पुलिस स्मृति दिवस की शुरुआत 21 अक्टूबर, 1959 को हुई एक ऐतिहासिक घटना से जुड़ी है। लद्दाख के ‘हॉट स्प्रिंग्स’ क्षेत्र में चीन की सेना द्वारा किए गए घातक हमले में 10 भारतीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था और तब से हर साल 21 अक्टूबर को इन शहीदों की याद में ‘पुलिस स्मृति दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य उन सभी पुलिसकर्मियों के बलिदान को याद करना है, जिन्होंने कर्तव्य पालन के दौरान देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है।
36 हजार से अधिक पुलिसकर्मी दे चुके हैं सर्वोच्च बलिदान
गृह मंत्री अमित शाह ने 2023 के पुलिस स्मृति दिवस समारोह के दौरान बताया था कि आजादी के बाद से अब तक 36,250 से अधिक पुलिसकर्मी देश की सेवा करते हुए शहीद हो चुके हैं। शाह ने कहा, “ये बलिदान हमें यह याद दिलाते हैं कि पुलिस बल हमारे समाज की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि एक सितंबर 2022 से 31 अगस्त 2023 तक, कुल 188 पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। गृह मंत्री ने इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी वीरता और समर्पण देश की जनता को हमेशा प्रेरित करेंगे।