पिलानी: क्षेत्र में BSF ASI हरि सिंह रेबारी के निधन की खबर से शोक की लहर दौड़ गई है। 33 वर्षों तक सीमा पर सेवा देने वाले हरि सिंह रेबारी ने मंगलवार रात बीमारी से जूझते हुए अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर तिरंगा यात्रा के साथ पैतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
33 साल तक निभाई सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी
हरि सिंह रेबारी ने 3 अक्टूबर 1992 को सीमा सुरक्षा बल (BSF) जॉइन किया था। वे वर्तमान में पश्चिम बंगाल के सीमा नगर में 56 बटालियन में तैनात थे। लगभग 33 वर्षों की सेवा में उन्होंने कई सीमाई इलाकों में देश की रक्षा की और अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और बहादुरी से निभाया।
तीन माह से बीमारी से जूझ रहे थे
करीब तीन महीने पहले हरि सिंह रेबारी पैंक्रियास की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए थे। शुरुआती इलाज कोलकाता में हुआ और बाद में उन्हें जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 27 जुलाई 2025 से वे लगातार उपचाराधीन रहे लेकिन मंगलवार रात करीब 10 बजे उनका निधन हो गया।
तिरंगा यात्रा के साथ होगा अंतिम सफर
हरि सिंह रेबारी का पार्थिव शरीर पिलानी स्थित चिड़ावा रोड बाईपास पर उनके निवास लाया जाएगा। यहां से एक तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी, जो पिलानी से होते हुए उनके पैतृक गांव नीमा पंचायत के रेबारी बास पहुंचेगी। यहीं पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
क्षेत्र में शोक की लहर
हरि सिंह रेबारी ग्राम पंचायत नीमा के सरपंच मान सिंह रेबारी के भाई थे। उनके निधन से न केवल परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है। ग्रामीणों और साथियों ने बताया कि वे न केवल एक जिम्मेदार सैनिक थे बल्कि सामाजिक रूप से भी सक्रिय रहते थे। लोगों का कहना है कि उनका निधन समाज और देश दोनों के लिए बड़ी क्षति है।