पिलानी, 16 सितंबर: पिलानी में विद्या विहार नगरपालिका में विकास कार्यों के टेंडर निरस्त करने के मुद्दे पर आज पालिकाध्यक्ष और पार्षदों ने कार्यवाहक ईओ अनिषा के समक्ष अपना विरोध दर्ज करवाया। पालिकाध्यक्ष और पार्षदों का कहना था कि ईओ द्वारा बिना किसी आधार के निविदाओं के कार्यादेश खारिज करने की कार्यवाही की जा रही है, जो कि उचित नहीं है। नगरपालिका के 25 में से 19 पार्षद एकमत हैं कि विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया निरस्त नहीं होनी चाहिए।
विद्या विहार नगरपालिका चेयरमैन कमलेश रोहिताश्व रणवा के नेतृत्व में ईओ से मिलने पहुंचे पार्षदों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव में टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। चेयरमैन रणवा का कहना था कि जुलाई 2025 में पार्षदों की अभिशंषा के आधार पर नगरपालिका क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में विकास कार्यों की स्वीकृति के बाद ऑफलाईन व ऑनलाईन निविदायें जारी की गयी थी। नगर पालिका द्वारा जारी कार्यादेश के बाद कुछ कार्य मौके पर प्रारंभ हो चुके हैं व कुछ प्रारंभ होने शेष हैं। चेयरमैन रणवा ने बताया कि यह संज्ञान में आया है कि नगरपालिका के ही 2-3 पार्षदों के कहने पर ईओ द्वारा कार्यादेश खारिज करने की कार्यवाही की जा रही है।
पार्षदों ने दी विरोध की चेतावनी
कार्यादेश खारिज किए जाने की कार्रवाई का विरोध कर रहे पार्षदों का कहना था कि किसी भी निविदा को खारिज करने हेतु ईओ अकेली सक्षम प्राधिकारी नहीं हैं। नगर पालिका में प्राशासनिक व वित्तीय शक्तियां ईओ के साथ-साथ अध्यक्ष नगर पालिका में भी निहित हैं। पार्षदों का कहना था कि सम्बन्धित निविदायें काफी समय बाद जारी की गयी हैं, और अगर इन्हें खारिज किया जाता है तो हमारे वार्डों के विकास कार्य प्रभावित होगें। पार्षदों ने सम्बन्धित निविदायें खारिज किए जाने पर ईओ के विरूद्ध धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।
राजनीतिक दबाव की बात ग़लत: ईओ बिजारणिया
कार्यवाहक ईओ अनिषा बिजारणिया ने कहा कि राजनीतिक दबाव की बात ग़लत है। कमेटी बनाई जाएगी, जो सभी कार्यादेशों की जांच करेगी। जिन कार्यों की टेंडर प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी हुई है, सिर्फ उन्हीं को रोका जाएगा।
इन्होंने सौंपा ज्ञापन
पालिकाध्यक्ष कमलेश रोहिताश्व रणवा के नेतृत्व में पार्षद नरेंद्र गुर्जर, अनिल महला, दीप्ति सिंह, सुमन बेनीवाल, निर्मला देवी, कांता शर्मा, भानुप्रिया सहित अन्य पार्षदों ने कार्यवाहक ईओ को ज्ञापन देकर विकास कार्यों के टेंडर निरस्त नहीं करने की मांग की है।





