इस्लामाबाद, पाकिस्तान: पाकिस्तान में आतंकी हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में बलूचिस्तान के नोशकी में हुए भीषण आतंकी हमले में 12 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई और 26 अन्य घायल हो गए। यह हमला ऐसे समय हुआ जब पाकिस्तान ट्रेन हाईजैकिंग की घटना के सदमे से उबर भी नहीं पाया था।
नोशकी में सेना की बस को बनाया निशाना
नोशकी, जो अफगानिस्तान की सीमा के नजदीक स्थित है, वहां एन-40 हाईवे पर फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) के काफिले को आतंकियों ने निशाना बनाया। अधिकारियों के अनुसार, हमले की शुरुआत एक शक्तिशाली विस्फोट से हुई, जिससे सैनिकों में हड़कंप मच गया। जब तक वे संभल पाते, तब तक आतंकियों ने घात लगाकर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी।

BLA ने ली हमले की जिम्मेदारी, 90 सैनिकों के मारे जाने का दावा
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि उसने पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला किया, जिसमें 90 सैनिक मारे गए। BLA के बयान के अनुसार, उनके आत्मघाती दस्ते ‘मजीद ब्रिगेड’ ने सेना की आठ बसों के काफिले को निशाना बनाया। संगठन का कहना है कि एक बस पूरी तरह से धमाके में नष्ट हो गई, जबकि अन्य बसों को उनके लड़ाकों ने घेरकर अंदर मौजूद सभी सैनिकों को मार दिया।
घटनास्थल पर सेना की तैनाती, अस्पतालों में इमरजेंसी
हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना के हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर पहुंचे और घायल सैनिकों को अस्पतालों में पहुंचाने का काम शुरू हुआ। प्रशासन ने सभी अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी है। घटनास्थल से FC मुख्यालय तक एंबुलेंस की आवाजाही बढ़ गई है।

लगातार हो रहे हमले: बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा सबसे ज्यादा प्रभावित
यह हमला ऐसे समय पर हुआ जब पाकिस्तान पहले से ही आतंकी घटनाओं की चपेट में है। इससे पहले बलूचिस्तान के तुर्बत में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) मार्ग पर पाकिस्तानी सेना के काफिले को निशाना बनाया गया था। हालांकि, उस हमले में हुए नुकसान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।