बलूचिस्तान में बम धमाका: पाकिस्तान में आतंकवाद का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में पुलिस अधिकारियों और चौकियों पर हमले की घटनाएं आम हो गई हैं। ताजा मामला बलूचिस्तान के पिशिन जिले से सामने आया है, जहां शनिवार को सुरखाब चौक के पास मुख्य बाजार में हुए बम धमाके में तीन लोगों की जान चली गई। मृतकों में दो बच्चे और एक महिला शामिल हैं। इस घटना में 16 अन्य लोग भी घायल हुए हैं।
मोटरसाइकिल में रखा था विस्फोटक
पिशिन सिटी स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) मुजीबुर रहमान के अनुसार, एक मोटरसाइकिल में रखे विस्फोटक सामग्री के फटने से यह हादसा हुआ। धमाके में तीन वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। न्यूज रिपोर्ट्स के अनुसार, विस्फोट पिशिन डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय के नजदीक हुआ। घटनास्थल पर बम निरोधक दस्ता और आतंकवाद निरोधक विभाग (CTD) की टीम पहुंचकर सबूत इकट्ठा करने में जुटी है।
पुलिस अधिकारी भी घायल
रॉयटर्स के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि मोटरसाइकिल पर लगे रिमोट कंट्रोल बम के पिशिन में पुलिस मुख्यालय के पास फटने से घायल हुए लोगों में सात पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
टीटीपी का बढ़ता प्रभाव
गौरतलब है कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा 2022 में सरकार के साथ एक संघर्ष विराम समझौते को तोड़ने और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की कसम खाने के बाद से पुलिसकर्मियों पर हमले बढ़ गए हैं।
प्रधानमंत्री ने की निंदा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि बच्चों पर हमला करने वाले कायर आतंकवादी इंसान कहलाने के लायक नहीं हैं। उन्होंने घायल लोगों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा उपचार देने का भी निर्देश दिया है। साथ ही इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करके उन्हें सजा देने का आह्वान किया है।
आतंकवाद का बढ़ता खतरा
यह घटना पाकिस्तान में बढ़ते हुए आतंकवाद के खतरे को दर्शाती है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे इलाके आतंकवादियों के लिए सुरक्षित ठिकाने बनते जा रहे हैं। लगातार हो रहे हमलों से आम जनता में दहशत का माहौल है और सुरक्षा बलों पर दबाव बढ़ गया है।
क्या हैं इस घटना के मायने?
- पाकिस्तान में आतंकवाद का बढ़ता खतरा: यह घटना साफ तौर पर दर्शाती है कि पाकिस्तान में आतंकवाद का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
- टीटीपी का बढ़ता प्रभाव: टीटीपी द्वारा सरकार के साथ समझौते को तोड़ने के बाद से आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गई हैं।
- सुरक्षा बलों पर दबाव: लगातार हो रहे हमलों से सुरक्षा बलों पर दबाव बढ़ गया है।
- आम जनता में दहशत: इन घटनाओं से आम जनता में दहशत का माहौल है।