इस्लामाबाद, पाकिस्तान: पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के दौरान शहीद हुए सैनिकों के शवों को गधों पर लादकर ले जाने की घटना ने पाकिस्तानी सेना में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सेना के भीतर के गुस्से को शांत करने और अपनी साख बचाने के प्रयास में, पाकिस्तान की संघीय शीर्ष समिति ने बलूचिस्तान में सक्रिय सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ एक व्यापक सैन्य अभियान को मंजूरी दी है।
सेना में आक्रोश और प्रधानमंत्री की आपात बैठक
घटना के बाद, सैन्य प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से तुरंत कार्रवाई की मांग की। प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख की अगुवाई में हुई आपात बैठक में बलूचिस्तान में आतंकवादी समूहों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, जिला समन्वय समितियों को संघीय उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (NACTA) और खुफिया केंद्रों को सक्रिय किया गया है ताकि खतरों की पहचान कर प्रभावी तरीके से उनका सामना किया जा सके।

गधों पर शव ले जाने का वायरल वीडियो
हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा की तिराह घाटी में आतंकवादियों के हमले में 17 सैनिक मारे गए। पाकिस्तानी प्रशासन ने मृतकों की संख्या को छिपाने के प्रयास में उनके शवों को गधों पर लादकर ले जाने का निर्णय लिया। इस दौरान, सेना की ही एक अन्य टुकड़ी ने शवों को इस स्थिति में देखा और इसका वीडियो बना लिया। वीडियो में सैनिकों ने वरिष्ठ कमांडरों की जमकर आलोचना की। यह वीडियो जल्द ही सेना में वायरल हो गया, जिससे सैन्य अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए।
Pak Army carries its dead soldiers on donkeys in Tirah valley of Paktunkhwa
— Nighat Abbas (@Nighat_Abbass) November 20, 2024
Pak military mafia, owning $200 billion business empire, has funds to ferry Generals & their families to play golf elsewhere but couldn't afford to send a helicopter to transport its fallen soldiers.. pic.twitter.com/OG9LKxGPsz
सेना में असंतोष का कारण
सेना में चर्चा है कि करीब 200 अरब डॉलर के व्यापारिक साम्राज्य की मालिक होने के बावजूद सैनिकों के शवों को गधों पर क्यों ले जाया गया। आरोप है कि हेलीकॉप्टर का उपयोग उच्चाधिकारियों और उनके परिवारों के निजी कार्यों के लिए किया जा रहा था। एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में मुख्यमंत्री मरियम नवाज भी हेलीकॉप्टर से यात्रा पर थीं, जिससे सैनिकों के शवों के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं हो सका।
आतंकवादी संगठनों द्वारा मजाक उड़ाया गया
इस स्थिति का आतंकवादी संगठनों ने जमकर फायदा उठाया। उन्होंने एक पोस्टर जारी किया जिसमें पुलिस थाने को फोन करके यह दिखाया गया कि पुलिसकर्मी खुद को आतंकवादियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने की सूचना दे रहे हैं। यह पोस्टर पाकिस्तान प्रशासन के कमजोर संचालन का उपहास बन गया।
आने वाले सैन्य अभियान की चुनौतियां
विश्लेषकों का मानना है कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादियों के खिलाफ होने वाला सैन्य अभियान निर्दोष नागरिकों पर अत्याचार का कारण बन सकता है। पाकिस्तान का इतिहास इन क्षेत्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन से भरा हुआ है।