प्रशासन ने आज पिलानी पंचायत समिति क्षेत्र की मोरवा ग्राम पंचायत के पांथड़िया गांव में गैर मुमकिन जोहड़ के खसरा नं 289/143 से 14 कच्चे/पक्के अतिक्रमण हटा दिए हैं। गांव में तनावपूर्ण माहौल के बीच आज सुबह अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू की गई। इस दौरान सूरजगढ़ एसडीओ दयानन्द रूयल, पिलानी तहसीलदार एवं मौका मजिस्ट्रेट कमलदीप पूनिया, सीआई रणजीत सिंह सेवदा, नायब तहसीलदार सुरेन्द्र कुमार सहित राजस्व विभागवके अन्य कर्मचारी और भारी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक जाब्ता मौके पर मौजूद रहा।
दरअसल पांथड़िया गांव के 45 परिवारों को गौचर भूमि पर अतिक्रमण मानते हुए तहसीलदार पिलानी द्वारा 12 अगस्त को नोटिस जारी कर 5 दिन की समयावधि में अपने कच्चे पक्के अतिक्रमण हटाने के लिए पाबंद किया था। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए 25 अगस्त की समय सीमा निर्धारित की थी। प्रशासन ने गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र और सार्वजनिक मन्दिर को भी अतिक्रमण मानते हुए चिन्हित किया था, इसके अलावा 45 अन्य अतिक्रमण भी चिन्हित किए गए थे। प्रशासन द्वारा चिन्हित किए गए अतिक्रमणों में कई तो ऐसे हैं जिनमें लोग 50-55 सालों से घर बना कर रह रहे हैं।
दरअसल मौजूदा संकट की शुरुआत
गांव में एक मन्दिर की चार दिवारी के निर्माण को लेकर शुरू हुई थी। लोगों का कहना है कि चार दिवारी की आड़ में उनके घरों का रास्ता बन्द किया जा रहा था, जिसका उनके द्वारा विरोध किया गया। इसके बाद गांव के ही प्रदीप सिंह नामक व्यक्ति ने हाई कोर्ट की डिविजनल बेंच में पीआईएल लगा दी थी।
2022 में की गई इस कार्यवाही में हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर को कार्यवाही के बाद रिपोर्ट पेश करने के लिए आदेशित किया था। हाई कोर्ट के निर्देशानुसार जिला कलेक्टर ने पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल (PLPC) में प्रकरण देने के साथ ही एसडीओ सूरजगढ़ को कार्यवाही के लिए आदेश जारी किये थे। जिला कलेक्टर के आदेश के बाद नायब तहसीलदार, पिलानी ने जनवरी, 2023 में राजस्व टीम का गठन कर पांथड़िया गांव के खसरा नं 289/143 (गैर मुमकिन जोहड़) रकबा 1.66 हैक्टेयर पर अतिक्रमण बाबत रिपोर्ट बनवाई थी। राजस्व टीम की रिपोर्ट के बाद नायब तहसीलदार ने अतिक्रमण हटवाने के लिए पुलिस जाब्ते और संसाधनों के लिए भी एसडीओ सूरजगढ़ को स्वीकृति के लिए आवेदन दिया था।
प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिए गए मकान
प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की समय सीमा में गांव के 45 परिवार आरएलपी नेता राजकुमार नायक के नेतृत्व में पिलानी तहसील कार्यालय पर पहुंचे थे जहां उन्होंने प्रशासन से कार्यवाही न करने के लिए ज्ञापन भी दिया था। वहीं कुछ परिवारों ने हाई कोर्ट में स्टे के लिए भी आवेदन किया था, जिसके बाद 31 परिवारों को स्टे मिल गया था। जिन 14 परिवारों को स्टे नहीं मिल पाया, उनके कच्चे-पक्के अतिक्रमण आज प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिए गए हैं।