Sunday, June 29, 2025
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पहलगाम आतंकी हमले पर देशभर में आक्रोश, मणिशंकर अय्यर ने उठाए बंटवारे के अधूरे सवाल

जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पूरे देश में आक्रोश की लहर है। आतंकवाद के खिलाफ सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने एक अलग दृष्टिकोण रखते हुए पहलगाम हमले को लेकर विभाजन के अधूरे प्रश्नों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

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मणिशंकर अय्यर ने उठाए विभाजन से जुड़े सवाल

मणिशंकर अय्यर ने कहा कि वर्ष 1947 में भारत का बंटवारा मूल्यों और राष्ट्रवाद की अलग-अलग व्याख्याओं के कारण हुआ था, और आज भी हम उसी विभाजन के दुष्परिणामों को भुगत रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या 22 अप्रैल को पहलगाम के पास हुआ भीषण आतंकी हमला विभाजन के अधूरे सवालों की छाया नहीं है?

अय्यर ने कहा कि उस समय कई नेताओं ने विभाजन रोकने के प्रयास किए थे, लेकिन गहरे वैचारिक मतभेदों के कारण यह असंभव हो गया। आज, जब पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, तब इस त्रासदी को विभाजन से जोड़कर देखना कई लोगों को असहज कर सकता है।

“क्या हम मुसलमानों को संभावित खतरे के रूप में देख रहे हैं?” – अय्यर

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मुस्लिम समुदाय की वर्तमान स्थिति पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय भारत के सामने सबसे बड़ा सवाल था कि लगभग 10 करोड़ मुसलमानों के साथ कैसे समन्वय स्थापित किया जाए। आज वही सवाल 20 करोड़ से अधिक मुस्लिम आबादी के संदर्भ में फिर से सामने है।

अय्यर ने कहा, “क्या हम मुसलमानों को हमारे बीच संभावित खतरे या तोड़फोड़ करने वाले तत्व के रूप में देख रहे हैं?” उन्होंने चेताया कि यदि ऐसा है, तो यह देश की एकता और सामाजिक समरसता के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।

“क्या मुसलमान सम्मानित महसूस करते हैं?”

मणिशंकर अय्यर ने 1971 में पाकिस्तान के विभाजन का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) ने यह सिद्ध किया था कि केवल मुसलमान होना राष्ट्रीय एकता के लिए पर्याप्त नहीं है। सांस्कृतिक पहचान भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

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उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या आज भारत का मुसलमान यह महसूस करता है कि उसे पूरी तरह से स्वीकार किया गया है, उसका सम्मान किया जाता है और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित है?
अय्यर के अनुसार, इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढना आज के भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक होना चाहिए।

देश में आक्रोश, सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग

वहीं दूसरी ओर, पहलगाम हमले के बाद से आम जनता और विभिन्न राजनीतिक दलों में गहरा आक्रोश है। देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया की मांग उठ रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर रक्षा मंत्रालय तक, उच्च स्तरीय बैठकों का दौर जारी है और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के संकेत दिए जा रहे हैं।

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