पिलानी में रविवार की कोहरे में लिपटी सर्द अंधेरी रात की निस्तब्धता को गोलियों की आवाज ने भंग किया। दरअसल एक के बाद एक दागी गई गोलियों ने किसी के जिस्म को ही छलनी नहीं किया, बल्कि रिश्तों को भी लहूलुहान कर डाला। कस्बे के चिड़ावा-लोहारू बाईपास पर धींधवा सर्किल के पास कलयुगी भतीजे ने सगे चाचा को गोलियों से भून डाला। रात 12 बजे के बाद हुई इस वारदात में हरियाणा के बाढड़ा थाना क्षेत्र के दाडमां निवासी रतन सिंह जाट पुत्र रामस्वरूप की मौके पर ही मौत हो गई।
रतन सिंह की हत्या का आरोपी भतीजा अंकित उर्फ धोलिया हरियाणा के बाढड़ा थाने का हिस्ट्रीशीटर है। पहले भी अपने गांव के ही एक व्यक्ति की चाकू से गोद कर हत्या कर चुका है। जानलेवा हमले, अपहरण, लूटपाट और मारपीट के कई मामले उसके खिलाफ दर्ज है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक रतन सिंह खेती-बाड़ी करता था और उसका अपने भतीजे के साथ सम्पत्ति और पैसों के लेन-देन का विवाद चल रहा है। अंकित ने 2 वर्ष पूर्व दबंगई से चाचा रतन सिंह के खेत पर कब्जा कर लिया था। अंकित की धमकियों से तंग आकर रतन सिंह 2 वर्ष पूर्व गांव छोड़कर पिलानी आकर बस गया था। पिलानी में वह किराये के मकान में रह रहा था।
यहां आने के बाद भी अंकित अपने चाचा को लगातार जान से मारने की धमकियां दे रहा था। मृतक की पत्नी नीरज देवी ने बताया कि 24 सितंबर, 2023 को अंकित अपने साथियों के साथ पिलानी आया था और गन प्वाइंट पर रतन सिंह की कैम्पर गाड़ी उठा कर ले गया। इस घटना के 10 दिन बाद अंकित ने अपनी गाड़ी की टक्कर से रतन सिंह के घर का दरवाजा तोड़ दिया। दोनों मामलों की रिपोर्ट पीड़ित परिवार ने पिलानी थाने में दर्ज करवाई थी। हालांकि पुलिस इस मामले में अब तक कोई कार्यवाही नहीं कर पाई है।
मृतक रतन सिंह का अपने भतीजे के साथ पैसों को लेकर भी विवाद था। लगातार धमकियों और प्रताड़ना से तंग आए रतन सिंह ने बार-बार पुलिस अधिकारियों के सामने पेश होकर मदद की गुहार लगाई। यहां तक कि 22 दिसंबर को झुंझुनू एसपी के समक्ष भी रतन सिंह अपनी फरियाद लेकर पहुंचा था। लेकिन पुलिस अधिकारी ये अंदाजा ही नहीं लगा पाए कि रतन सिंह की जान को कितना बड़ा खतरा है।
रविवार रात रतन सिंह अपनी गाड़ी लेकर धींधवा सर्किल पर किराए के कमरे में रह रहे अपने भांजे सचिन से मिलने पहुंचा था। बातचीत करते हुए वह वहीं सो गया। देर रात 12 बजे के बाद अंकित उर्फ धोलिया बाइक पर अपने 2 साथियों के साथ वहां पहुंचा। सीधा कमरे में गया और चाचा को आवाज लगा कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। बताया जा रहा है कि आरोपी ने 8 से 10 राउंड फायर किए। पेट और सर पर गोली लगने से रतन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के बाद तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए। मृतक के भांजे की सूचना पर देर रात पुलिस मौके पर पहुंची। शव को बिरला अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया गया।
हत्या की वारदात के बाद एएसपी गिरधारी लाल शर्मा, चिड़ावा डीएसपी शिवरतन गोदारा ने पुलिस टीम के साथ मौका मुआयना किया। एफएसएल टीम, क्विक रिस्पॉन्स टीम और डॉग स्क्वायड ने भी बारीकी से घटना स्थल का निरीक्षण किया है।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस उनकी शिकायतों को गंभीरता से लेती तो आज रतन सिंह जीवित होता। मृतक रतन सिंह के परिवार में पत्नी नीरज देवी के अलावा 8 और 12 साल के 2 बेटे हैं। चिंताजनक बात ये है कि अंकित उर्फ धोलिया ने रतन सिंह की तरह ही उसकी पत्नी और दोनों बच्चों की भी हत्या की धमकी दी है।
समाचार लिखे जाने तक मृतक के परिजन सुबह से थाने में डेरा डाले बैठे हैं, जहां पुलिस अधिकारी उन्हें मृतक के पोस्टमार्टम के लिए समझाइश कर रहे हैं।
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