नई दिल्ली: ओटीटी प्लैटफॉर्म नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज़ ‘IC 814: द कंधार हाईजैक’ को लेकर हुए भारी विवाद के बाद, नेटफ्लिक्स ने आपत्तिजनक कंटेंट में बदलाव करने का निर्णय लिया है। इस सीरीज़ में आतंकवादियों के नाम ‘भोला’ और ‘शंकर’ रखे जाने के कारण विवाद उत्पन्न हुआ, जिसके चलते सोमवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल को समन जारी कर मंत्रालय में उपस्थित होने के लिए कहा था। आज मोनिका शेरगिल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने पेश हुईं।
बैठक में क्या हुआ?
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और नेटफ्लिक्स इंडिया की हेड मोनिका शेरगिल के बीच हुई बैठक में इस विवाद पर गहन चर्चा हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि रचनात्मकता के नाम पर किसी भी समुदाय या धर्म की भावनाओं को आहत नहीं किया जा सकता। सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी फिल्म या वेब सीरीज़ बनाने से पहले सही तरीके से शोध और तथ्य-जांच होनी चाहिए।
नेटफ्लिक्स ने सरकार को भरोसा दिलाया कि वे इस वेब सीरीज़ के विवादित हिस्सों में आवश्यक बदलाव करेंगे। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में प्लेटफॉर्म पर जो भी सामग्री प्रस्तुत की जाएगी, उसे भारतीय समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही बनाया जाएगा।
विवाद की जड़ क्या है?
‘IC 814: द कंधार हाईजैक’ का निर्देशन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने किया है और इसे 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ किया गया था। इस सीरीज़ में कुल 6 एपिसोड हैं और यह 1999 में हुए कंधार प्लेन हाईजैक की सच्ची घटना पर आधारित है।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब दर्शकों ने इस वेब सीरीज़ में आतंकवादियों के कोड नेम ‘भोला’ और ‘शंकर’ पर आपत्ति जताई। असली घटना में इन आतंकियों के नाम इब्राहिम अतहर, सनी अहमद काज़ी, जहूर इब्राहिम, शाहिद अख्तर और सैयद शाकिर थे, लेकिन वेब सीरीज़ में इनमें से दो के नाम बदलकर हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर रखे गए। इस पर सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई और लोगों ने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। इसके साथ ही, नेटफ्लिक्स और सीरीज़ के निर्माताओं के खिलाफ गुस्सा भी जाहिर किया गया और कई जगहों पर इस वेब सीरीज़ को बैन करने की मांग उठी।
सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने इस विवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि क्रिएटिविटी के नाम पर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ स्वीकार्य नहीं है। सरकार ने कहा, “हम कंटेंट क्रिएटर्स और उद्योग को सपोर्ट करते हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कंटेंट समाज के सभी वर्गों की भावनाओं का सम्मान करे।”