झुंझुनूं: जिले के मंडावा कस्बे में एक नेशनल स्तर के कबड्डी खिलाड़ी को ट्रांसफर सर्टिफिकेट नहीं देने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। हनुमानगढ़ निवासी सुनील कुमार पिछले छह दिनों से मंडावा स्थित बाल पब्लिक स्कूल से टीसी के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन की अनदेखी के चलते उनका भविष्य संकट में पड़ता नजर आ रहा है। छात्र की पैरवी अब एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राहुल जाखड़ ने संभाल ली है।
सुनील कुमार ने अपनी खेल प्रतिभा के दम पर स्कूल में प्रवेश लिया था। स्कूल ने उन्हें शिक्षा और प्रशिक्षण मुफ्त देने का वादा किया था। बदले में सुनील ने स्कूल की कबड्डी टीम को राज्य स्तर पर चैंपियन बनाया, जिससे संस्थान का नाम भी रोशन हुआ। अब जब सुनील को एक राष्ट्रीय खेल अकादमी में प्रवेश मिल रहा है, तो उन्हें टीसी की आवश्यकता है। मगर स्कूल प्रबंधन किसी न किसी कारण से उसे जारी करने से इनकार कर रहा है।
इस घटनाक्रम के बाद सुनील कुमार ने स्पष्ट आरोप लगाया कि स्कूल अब उन्हें केवल इसलिए रोक रहा है क्योंकि वह बेहतर अवसर के लिए संस्थान छोड़ना चाहता है। उन्होंने कहा कि जब तक वह स्कूल के लिए खेलते रहे, तब तक प्रशंसा मिली, लेकिन अब उनके खेल भविष्य को बाधित किया जा रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राहुल जाखड़ खुद स्कूल पहुंचे और प्रिंसिपल से तीखी बहस की। एक समय तो मामला ज्यादा गंभीर हो गया जब स्कूल प्रबंधक ने छात्र को हाथ पकड़कर ऑफिस से बाहर निकालने की कोशिश की, यह देखकर जाखड़ तैश में आ गए। यह पूरी नोंक झोंक सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें राहुल जाखड़ छात्र के हक में दो-टूक बात करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे इस विषय में जिला कलेक्टर से मिलकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दे चुके हैं और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है।
इस पूरे विवाद ने शिक्षा संस्थानों की जवाबदेही, खिलाड़ियों के अधिकार और छात्र हितों की रक्षा को लेकर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। एक राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी के साथ इस तरह का व्यवहार शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न है। अब सबकी निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं कि क्या वह छात्र के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा।