चिड़ावा: नहर के मुद्दे पर आज चिड़ावा बाईपास पर पूर्व प्रधान शेर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों तथा किसान आंदोलन के नेताओं की बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में आम आदमी से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर चर्चा के दौरान वक्ताओं ने पिलानी व सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में व्याप्त भीषण जल संकट पर गहरी चिंता जताई।
वक्ताओं का कहना था कि शेखावाटी क्षेत्र में नहर का मुद्दा सिर्फ चुनावी राजनीति से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि यहां के किसानों और आम जनता की जरूरतों से जुड़ा हुआ मुद्दा है। पानी के अभाव में लोग यहां से पलायन के बारे में सोचने लगे हैं।
पूर्व प्रधान शेर सिंह नेहरा ने कहा कि यमुना का पानी झुंझुनू जिले को मिले, इसके लिए सन 1994 में हरियाणा सरकार के साथ समझौता किया गया था। लेकिन उस समझौते के तहत आज तक जिले को पानी नहीं मिला। इससे बड़ा धोखा यहां के आम लोगों के साथ नहीं हो सकता। राजस्थान और हरियाणा की मौजूदा राज्य सरकारों ने पुराने समझौते को दरकिनार कर नया समझौता किया है, जो स्वीकार्य नहीं है।
1 अगस्त से शुरू होगी यमुना जल संघर्ष यात्रा
बैठक में निर्णय लिया गया कि नहर के मुद्दे पर पिलानी और सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में यमुना जल संघर्ष यात्रा का आयोजन किया जाएगा।
“यमुना जल, हक हमारा” के ध्येय वाक्य के साथ 1 अगस्त को सुबह 10 बजे बामनवास से संघर्ष यात्रा का आगाज़ किया जाएगा। स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए यात्रा का शुभारंभ होगा। यमुना का पानी हर आदमी को मिले इसके लिए यात्रा पिलानी और सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव-ढाणी-कस्बे से गुजरेगी।
बैठक में ये हुए शामिल
यमुना जल संघर्ष समिति की इस बैठक में अमीलाल (सरपंच जीणी), राजेश कस्वा (सरपंच दोबड़ा),राजकुमार राठी (जिलाध्यक्ष, राजीव गांधी पंचायती राज संगठन झुंझुनू), मनजीत सिंह तंवर (सरपंच प्रतिनिधि काजड़ा), दलीप स्वामी, विनोद काजला, शीशराम (पूर्व सरपंच), दलीप सिहाग, दलीप छिरुष, मानसिंह, वीरभान, विनोद शर्मा, विनोद सोनी, धीरसिंह नायक, दिलबाग, विद्याधर, लोक राम भड़िया, होशियार सिंह, सूबे सिंह, राजेन्द्र डांगी, सुरेन्द्र डांगी, जगदेव मास्टर, गोरख राम (पूर्व सरपंच), सिबु सिंह, महावीर लाम्बा, ओमप्रकाश डैला, सुभाष डांगी, इंद्र लुनायच सहित अन्य जनप्रतिनिधि व किसान नेता शामिल हुए।