चिड़ावा, 9 अगस्त 2024: चिड़ावा-सिंघाना सड़क मार्ग पर स्थित बस स्टैण्ड लालचौक पर नहर की मांग को लेकर किसानों का धरना आज 221वें दिन भी जारी रहा। किसान सभा के बैनर तले गोरीशंकर अग्रवाल की अध्यक्षता में चल रहा यह आंदोलन अब उग्र रूप लेने की ओर बढ़ रहा है।
आठ महीने से जारी धरना
लगातार आठ महीने से हर मौसम की मार झेलते हुए किसान अपनी मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। पानी की इस विनम्र गुहार को अब तक सरकार द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे किसानों और आमजन में नाराजगी बढ़ती जा रही है। शेखावाटी नहर आंदोलन के प्रवक्ता विजेंद्र शास्त्री ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की इस उदासीनता से किसानों का धैर्य अब जवाब दे रहा है।
सरकार के खिलाफ बढ़ता आक्रोश
विजेंद्र शास्त्री ने बताया कि सरकार द्वारा नहर के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाने से किसानों के समय की बर्बादी हो रही है, और यह आंदोलन अब उग्र रूप लेने की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही नहर की मांग पूरी नहीं की गई, तो आक्रोशित जनता को रोकना किसी के बस में नहीं होगा।
कमेटियों का गठन और अभियान की शुरुआत
धरने पर मौजूद अन्य नेताओं ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि 9 अगस्त से कार्पोरेट घरानों के खिलाफ ‘गद्दी छोड़ो, देश छोड़ो’ साप्ताहिक अभियान शुरू किया गया है। इसके बाद गांव-गांव में बन रही कमेटियों का निर्णय आने के बाद आंदोलन और भी तीव्र हो जाएगा।
धरने में मौजूद किसान नेता
धरने पर आज किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष बजरंग बराला, तहसील अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष महेश चाहर, महिला विंग की सुनीता, रणधीर सिंह ओला, नौजवान सभा के जयंत चौधरी, सौरभ सैनी, करण कटारिया, अमिलाल बगड़, गिरधारी लाल, शाहरुख खान, असलम, सुनील हीरवा, महेंद्र चाहर, राजेश चाहर, रमेश कुमार, हेमंत, जगराम योगी, सतवीर सहित कई अन्य नेता और किसान मौजूद रहे।
कुल मिलाकर, अगर सरकार ने जल्द ही नहर की मांग को पूरा नहीं किया, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है, जिससे सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।