चिड़ावा: नहर की मांग को लेकर लाल चौक पर धरना दे रहे किसानों का आंदोलन रविवार को 237वें दिन भी जारी रहा। इस धरने का नेतृत्व पूर्व विधायक उम्मीदवार मास्टर रामस्वरूप सिंह रालोपा ने किया। नहर निर्माण को लेकर किसानों के बीच तेजी से बढ़ते असंतोष को देखते हुए, किसान सभा ने आज लाल चौक पर एक आपातकालीन बैठक का आयोजन किया।
किसानों का धरना 237वें दिन भी जारी, नहर निर्माण के लिए तेज होगी जनचेतना
किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष बजरंग बराला ने बताया कि 2 जनवरी 2024 को लाल चौक से उठी नहर की मांग की चिंगारी अब एक व्यापक आंदोलन का रूप ले चुकी है। उन्होंने बताया कि 12 फरवरी 2024 को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के सामने आयोजित सभा में हजारों किसान और आम जनता ने हिस्सा लिया, जिसके चलते सरकार को मजबूर होकर कार्रवाई करनी पड़ी। इस सभा के बाद 17 फरवरी को जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में राजस्थान और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें नहर परियोजना की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तीन महीनों में तैयार करने का वादा किया गया था। हालांकि, यह कार्य अभी तक धरातल पर नहीं आया है।
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में आज एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि 5 सितंबर 2024 से जिलेभर में नहर के निर्माण के लिए जनचेतना यात्रा शुरू की जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को नहर के महत्व और इससे संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूक करना है, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
बैठक में शामिल प्रमुख किसान नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि नहर निर्माण के लिए सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन और भी व्यापक और तीव्र होगा।
आंदोलन में शामिल किसान अब और अधिक संगठित होकर अपनी मांग को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं, और सरकार से तत्काल कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।