नवलगढ़ (झुंझुनूं)। ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ कस्बे में एक संभावित बाल विवाह को समय रहते रोका गया। यह कार्रवाई जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन और राजस्थान महिला कल्याण मंडल शाखा झुंझुनूं के संयुक्त प्रयास से की गई।
शनिवार दोपहर के बाद संगठन को एक बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई, जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए चेतना शर्मा (झुंझुनूं) और नरेश सैनी (सीकर) की अगुवाई में टीम ने तत्काल कदम उठाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए चाइल्डलाइन, बाल अधिकारिता विभाग, तहसील कार्यालय, बाल कल्याण समिति और पुलिस अधीक्षक को सूचना दी गई। प्रशासन की तत्परता से संबंधित विभागों की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं।
मौके पर पहुंचने के बाद विवाह की प्रक्रिया को रोका गया और परिजनों को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी गई। चेतना शर्मा ने बाल विवाह से होने वाले सामाजिक और कानूनी दुष्परिणामों के बारे में परिजनों एवं स्थानीय लोगों को समझाया। इसके पश्चात पुलिस एवं प्रशासन ने संबंधित परिवार को कानूनी रूप से पाबंद किया और विवाह स्थगित करवाया।
यह कार्रवाई बाल अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। संगठनों ने अपील की है कि बाल विवाह जैसी प्रथाओं को समाज से समाप्त करने में सभी नागरिकों को जागरूक रहना चाहिए और ऐसी किसी भी जानकारी को तुरंत संबंधित विभागों तक पहुंचाना चाहिए।