जयपुर, 24 सितंबर 2024: राजस्थान प्रदेश पर्यटक गाइड यूनियन के संरक्षक रवि शंकर धाभाई ने नई पर्यटन नीति पर राज्य सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उनके अनुसार, नई पर्यटन नीति स्वागत योग्य है, लेकिन इसे पूरी तरह से सफल बनाने के लिए अनुभवी पर्यटक गाइड्स के सुझावों को शामिल करना जरूरी है। धाभाई का कहना है कि पर्यटक गाइड्स ही वह व्यक्ति होते हैं, जिनके माध्यम से विश्व भर के पर्यटक राजस्थान के ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों का सही अनुभव प्राप्त करते हैं। इसलिए, नई नीति जारी करने से पहले सरकार को इन गाइड्स के अनुभव और सुझावों पर विचार करना चाहिए।
गाइड्स के साथ मीटिंग जरूरी: धाभाई
रवि शंकर धाभाई ने कहा कि राज्य सरकार को तुरंत प्रभाव से एक टीम गठित कर, पर्यटन क्षेत्र में कार्यरत अनुभवी पर्यटक गाइड्स के साथ एक बैठक आयोजित करनी चाहिए। इस बैठक में पर्यटक गाइड्स के महत्वपूर्ण सुझावों को शामिल करके एक ठोस पर्यटन नीति बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना गाइड्स के अनुभवों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को समझे नई नीति सफल नहीं हो सकती। गाइड्स का अनुभव पर्यटन क्षेत्र को और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गाइड्स के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात
पर्यटक गाइड्स के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में राजभवन में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े से शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल को प्रदेश भर के लाइसेंस प्राप्त पर्यटक गाइड्स की विभिन्न समस्याओं और मांगों से अवगत कराया गया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल का शॉल ओढ़ाकर सम्मान भी किया। इस मुलाकात में गाइड यूनियन के संरक्षक रवि शंकर धाभाई, अध्यक्ष धारा सिंह गुर्जर और वरिष्ठ गाइड प्रदीप चटर्जी मौजूद थे।
लाइसेंस प्राप्त गाइड्स की मांगें
प्रतिनिधिमंडल ने गाइड्स की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा करते हुए राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे गाइड्स की मांगों को सरकार तक पहुंचाएं। इसमें गाइड्स के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियों, नई नीति में उनकी भागीदारी और रोजगार सुरक्षा के मुद्दे प्रमुख रहे।
निष्कर्ष: रवि शंकर धाभाई का यह स्पष्ट संदेश है कि नई पर्यटन नीति तब तक प्रभावी नहीं हो सकती, जब तक इसमें पर्यटन क्षेत्र के अनुभवी गाइड्स की महत्वपूर्ण भूमिका को न समझा जाए। उनका मानना है कि गाइड्स के अनुभव और उनके सुझाव इस क्षेत्र की प्रगति के लिए आवश्यक हैं।