नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए एक बार फिर निराशाजनक परिणाम सामने आए हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने जहां व्यापक प्रचार किया, वहीं पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा। विशेष रूप से ओखला और मुस्तफाबाद जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर कांग्रेस को चौथे स्थान पर जगह मिली, जो पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। कांग्रेस ने कई सीटों पर तीसरे स्थान को भी हासिल किया, लेकिन ओखला और मुस्तफाबाद में चौथे स्थान ने पार्टी के चुनावी प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राहुल और प्रियंका गांधी द्वारा की गई प्रचार जनसभाएँ
राहुल गांधी ने पटपड़गंज, सीलमपुर, सदर बाजार, ओखला, शहादरा और मादीपुर सीटों पर जनसभाएँ की थीं। प्रियंका गांधी ने सीमापुरी, नांगलोई, मुस्तफाबाद और चांदनी चौक सीटों पर प्रचार किया। इन जनसभाओं में दोनों नेताओं ने दिल्ली के विकास के लिए कांग्रेस के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया, लेकिन चुनाव परिणामों ने यह साफ कर दिया कि प्रचार की मेहनत के बावजूद मतदाताओं का विश्वास पार्टी पर नहीं बन सका।
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ओखला और मुस्तफाबाद में कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन
ओखला की सीट पर कांग्रेस की उम्मीदवार आरिबा खान को चौथे स्थान पर रहकर सिर्फ 12,739 वोट मिले। यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि इस सीट पर राहुल गांधी के प्रचार के बावजूद पार्टी को अपेक्षित समर्थन नहीं मिल सका। वहीं, मुस्तफाबाद सीट पर भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और पार्टी इस सीट पर भी चौथे स्थान पर रही।
अन्य सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन
पटपड़गंज में कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल भारद्वाज को 16,549 वोट मिले, जबकि सीलमपुर में अब्दुल रहमान को 16,551 वोट प्राप्त हुए। सदर बाजार में कांग्रेस के अनिल भारद्वाज को 10,057 वोट मिले। यह परिणाम कांग्रेस के लिए कोई बड़ी सफलता नहीं थे। इसके विपरीत, पश्चिमी दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन थोड़ी सी बेहतर हुआ। नांगलोई सीट पर प्रियंका गांधी के रोड शो से कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ, और इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार रोहित चौधरी को 32,028 वोट मिले, जो 2015 और 2020 की तुलना में बेहतर प्रदर्शन था।
मादीपुर सीट पर कांग्रेस का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
मादीपुर सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार जेपी पंवार को इस बार 17,958 वोट मिले, जो पिछले विधानसभा चुनावों में प्राप्त वोटों से कहीं अधिक है। 2020 में जेपी पंवार को 6,788 वोट मिले थे, जबकि 2015 में उन्हें 10,350 वोट मिले थे। इस बार मादीपुर में कांग्रेस ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया है।
2015 और 2020 के चुनावों से तुलना
नांगलोई और मादीपुर जैसी सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले चुनावों की तुलना में बेहतर रहा है। 2020 में नांगलोई से कांग्रेस के उम्मीदवार मंदीप सिंह को 9,761 वोट मिले थे, जो 10,000 से भी कम थे। वहीं, 2015 में इस सीट पर डॉ. बिजेंद्र सिंह को 15,756 वोट मिले थे। नांगलोई में कांग्रेस के लिए यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। हालांकि, इस बार पार्टी तीसरे स्थान पर रही, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता इसे एक सकारात्मक संकेत मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि अगली बार पार्टी और भी मजबूत होगी।