नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब केवल तीन महीने का समय शेष है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारियों में तेजी ला दी है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज से ‘दिल्ली न्याय यात्रा’ की शुरुआत की है, जो राजघाट से प्रारंभ होकर एक महीने तक चलेगी। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगी और लगभग 360 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा का उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों की समस्याओं को उजागर करना और सरकार पर उनके समाधान के लिए दबाव बनाना है। इस यात्रा की अगुवाई दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव कर रहे हैं।
यात्रा की रणनीति और उद्देश्यों पर प्रकाश
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बताया, “यह यात्रा 8 नवंबर से शुरू हो रही है और एक महीने तक चलेगी। इसके माध्यम से हम जनता की समस्याओं जैसे पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के अभाव जैसे मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे।” यात्रा में प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता की सहभागिता होगी, और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी इसमें आमंत्रित किया गया है।
यात्रा का उद्देश्य कांग्रेस का खोया हुआ वोट बैंक वापस पाना है, जो पिछले एक दशक में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रभाव में चला गया। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस झुग्गी-झोपड़ी, अनधिकृत कॉलोनियों, अल्पसंख्यक और दलित समुदायों का विश्वास पुनः प्राप्त करने की कोशिश करेगी।
आम आदमी पार्टी के खिलाफ सीधा प्रहार
AAP और कांग्रेस दोनों INDIA ब्लॉक का हिस्सा हैं और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, परंतु दोनों ही दलों को कोई सीट नहीं मिली। अब कांग्रेस ‘न्याय यात्रा’ के माध्यम से उसी AAP सरकार की आलोचना करेगी। दिल्ली कांग्रेस, आम आदमी पार्टी की नीतियों पर प्रदूषण, यमुना सफाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर कड़ा प्रहार कर रही है। इसे AAP के खिलाफ कांग्रेस की खुली लड़ाई के रूप में भी देखा जा रहा है।
यात्रा का कार्यक्रम और संरचना
यह यात्रा चार चरणों में विभाजित होगी और हर दिन 20-25 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। प्रतिदिन यात्रा का आरंभ सुबह 8 बजे होगा और दोपहर के भोजन तथा चाय के लिए विश्राम होगा। प्रत्येक दिन का समापन एक सभा के साथ होगा, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया जाएगा। यात्रा में लगभग 250-300 स्थायी यात्री शामिल होंगे, जो शाम में शिविरों में रुकेंगे।
पहले चरण में यात्रा चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान, सदर बाजार, मॉडल टाउन, शालीमार बाग, आदर्श नगर, त्रिनगर, वजीरपुर, बुराड़ी, तिमारपुर और बादली जैसे विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। हर चरण छह दिनों का होगा, जिसके बाद एक दिन का अवकाश रखा गया है।
कांग्रेस नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, और पार्टी के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को भी यात्रा में आमंत्रित किया गया है। ऐसा अनुमान है कि राहुल गांधी और खड़गे इस एक महीने की यात्रा के किसी भी समय इसमें शामिल हो सकते हैं। वहीं, प्रियंका गांधी, वायनाड उपचुनाव के बाद यात्रा में भागीदारी कर सकती हैं।
अल्पसंख्यक बहुल इलाकों पर विशेष ध्यान
यात्रा के पहले दिन कांग्रेस का ध्यान अल्पसंख्यक बहुल इलाकों जैसे तुर्कमान गेट और बल्लीमारान पर रहेगा, जहाँ पिछले दो चुनावों में AAP ने भारी बढ़त बनाई थी। कांग्रेस की रणनीति है कि इन क्षेत्रों में जाकर लोगों की समस्याओं को समझा जाए और उनके मुद्दों को AAP सरकार के खिलाफ उठाया जाए।
‘दिल्ली न्याय यात्रा’ का राजनीतिक प्रभाव
दिल्ली कांग्रेस को उम्मीद है कि यह यात्रा पार्टी को मजबूती प्रदान करेगी और यदि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को सफलता मिलती है, तो वह गठबंधन के मुद्दे पर बेहतर सौदा करने की स्थिति में होगी।
कुल मिलाकर, ‘दिल्ली न्याय यात्रा’ के माध्यम से कांग्रेस ने अपनी चुनावी तैयारियों को एक नई दिशा दी है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भागीदारी से इसे एक बड़ी राजनैतिक गतिविधि के रूप में देखा जा रहा है। यात्रा का फोकस AAP सरकार की नीतियों की आलोचना करना और जनता की समस्याओं को उजागर करना है, जिससे आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने लिए समर्थन जुटा सके।