नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने देशभर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो न केवल फर्जी दस्तावेज बनवा कर उन्हें भारतीय नागरिक दर्शाता था, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलवा रहा था। इस गिरोह का संचालन चांद मियां नामक व्यक्ति कर रहा था, जिसने हजारों की संख्या में बांग्लादेशियों को भारत लाकर बसाया।
इन धाराओं में एफआईआर
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र में दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 318(2), 319(2), 336, 337, 338, 61(1)(ए), विदेशी अधिनियम की धारा 14, और आधार अधिनियम 2016 की धारा 34 लगाई गई हैं। इस पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व डीसीपी रवि कुमार की निगरानी में इंस्पेक्टर विष्णु दत्त की टीम ने किया।

चांद मियां: नेटवर्क का मास्टरमाइंड
55 वर्षीय चांद मियां, जो चार साल की उम्र में भारत आया था, बीते 12 वर्षों से बांग्लादेशियों को भारत लाकर बसाने का काम कर रहा था। शुरुआत में वह दिल्ली के सीमापुरी और तैमूर नगर में रहा और बाद में चेन्नई शिफ्ट हो गया, जहां उसने कई गोदाम और दुकानदारों से मिलकर मजदूरों की आपूर्ति शुरू की। हर माह वह तीन बार बांग्लादेश जाता और 8-10 नागरिकों को भारत लाता।
भारतीय नागरिक दस्तावेज तैयार करते थे
गिरफ्तार हुए भारतीय नागरिकों में रंजन कुमार, मोहम्मद अनीस, और शब्बीर अली शामिल हैं, जो फर्जी आधार कार्ड बनाते थे। रहीसुद्दीन अली जाति व जन्म प्रमाणपत्र तैयार करता था। इन दस्तावेजों की मदद से बांग्लादेशी नागरिक भारतीय पहचान प्राप्त कर सरकारी लाभ ले रहे थे।
गुवाहाटी और चेन्नई में पुलिस की कार्रवाई
चांद मियां की तलाश में एसआई सत्यनारायण, एसआई सुधीर, और एएसआई उपेंद्र की टीम डेढ़ माह तक गुवाहाटी में डटी रही और ट्रेन से लौटते वक्त उसे ट्रैक कर पकड़ा गया। वहीं, उसकी निशानदेही पर चेन्नई के गोदामों पर छापेमारी कर 33 बांग्लादेशी मजदूर पकड़े गए।
अवैध रूप से रह रही छह बांग्लादेशी महिलाएं पकड़ी
मंडावली थाना पुलिस ने हाल ही में पूर्वी दिल्ली से 6 बांग्लादेशी महिलाओं को भी पकड़ा है, जो अवैध रूप से रह रही थीं। इनके खिलाफ डिपोर्टेशन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

51 गिरफ्तार, सैकड़ों की जांच जारी
दिल्ली पुलिस के एंटी नारकोटिक्स स्क्वॉड ने गिरोह के 11 सदस्यों समेत कुल 51 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 5 भारतीय नागरिक भी हैं। पुलिस के अनुसार सौ से अधिक बांग्लादेशी नागरिक और एजेंट अब भी जांच के घेरे में हैं। ट्रेन से पकड़े गए 8 बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्टेशन के लिए एफआरआरओ को सौंपा गया है।
पहली गिरफ्तारी से खुला मामला
यह पूरा मामला तब सामने आया जब 12 मार्च को पुलिस को सूचना मिली कि पहाड़ी नंबर 2, तैमूर नगर में एक बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहा है। पुलिस ने 25 वर्षीय असलम उर्फ मासूम को गिरफ्तार किया, जिसके पास से भारत का आधार कार्ड और बांग्लादेशी आईडी मिली। पूछताछ में उसने गिरोह की जानकारी दी।