नई दिल्ली: देश के बड़े शहरों में इस दीवाली के बाद प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। दिल्ली, चेन्नई, राजस्थान के शहरों, और कोलकाता समेत विभिन्न स्थानों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में गिरावट देखने को मिली है, जिससे नागरिकों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ते प्रदूषण का प्रमुख कारण पटाखों का अत्यधिक उपयोग है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की भयावह स्थिति
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दीवाली के बाद की सुबह हर ओर धुंध और प्रदूषण की चादर फैली रही। दिल्ली की हवा इस बार भी सरकार के प्रतिबंध के बावजूद पटाखों की आतिशबाजी से गंभीर श्रेणी में आ गई है। आनंद विहार और सरिता विहार जैसे इलाकों में एक्यूआई स्तर 300 के पार चला गया, जो सांस और आंखों में जलन जैसी समस्याएं पैदा कर रहा है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है, जो विशेष रूप से अस्थमा और श्वसन रोगियों के लिए खतरे का कारण है। एक्यूआई 350 से अधिक पहुंचने से कई इलाकों में हवा का स्तर सांस लेने के लिए असुरक्षित हो गया है।
चेन्नई में प्रदूषण का बढ़ता स्तर
दक्षिण भारत के शहर चेन्नई में भी दीवाली के बाद वायु प्रदूषण रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, चेन्नई के मनाली में AQI स्तर 254, अरुंबक्कम में 210, और पेरुंगुडी में 201 तक पहुंच गया है। प्रदूषण के इस स्तर को बोर्ड ने ‘खराब’ श्रेणी में रखा है, जो कि श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। बोर्ड ने चेतावनी दी है कि 300 से अधिक AQI स्तर ‘बहुत खराब’ और 400 से अधिक स्तर ‘गंभीर’ माना जाता है। डॉक्टरों ने नागरिकों से अपील की है कि वे त्योहारों पर पटाखों का उपयोग कम करें ताकि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके।
राजस्थान में दीवाली के बाद वायु गुणवत्ता पर असर
राजस्थान के कई शहरों में भी दीवाली के बाद वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। जयपुर का AQI स्तर 350 से पार हो गया है, जिससे यह राज्य का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। इसी तरह, राजसमंद में AQI 337, भिवाड़ी में 291, बीकानेर में 283, भरतपुर में 257, और सीकर में 237 तक पहुंच गया। कई स्थानों पर प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में है, जो स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम और त्योहारों के दौरान प्रदूषण की अधिकता इन शहरों के पर्यावरण को प्रभावित कर रही है।
कोलकाता में प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति
कोलकाता में दीवाली के बाद प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। बुधवार से ही AQI का स्तर खराब श्रेणी में था, जो गुरुवार की रात तक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। शहर में कई जगहों पर AQI का स्तर 100 से अधिक है, जो बुजुर्गों और संवेदनशील समूहों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर रहा है। कोलकाता में अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से ही हवा की गुणवत्ता में गिरावट आनी शुरू हो जाती है, जिससे सर्दियों के पहले प्रदूषण का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।