नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने स्थिति को बेहद चिंताजनक बना दिया है। जहरीली हवा के कारण आम लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने आज सुबह आठ बजे से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के चौथे चरण को लागू कर दिया है। इसके तहत कई कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के प्रदूषण पर सुनवाई आज
दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के लिए उपाय लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। जस्टिस अभय एस ओका और आगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ इस मामले पर विचार करेगी। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर 18 नवंबर को वाद सूची अपलोड की गई थी।
14 नवंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने न्यायमित्र के रूप में इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए दिल्ली की स्थिति को गंभीर बताते हुए तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बनने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
GRAP-4 के तहत लागू प्रतिबंध
ग्रेप के चौथे चरण के तहत निम्नलिखित प्रतिबंध लगाए गए हैं:
- भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित
- आवश्यक सेवाओं वाले ट्रकों को अनुमति मिलेगी।
- LNG, CNG, इलेक्ट्रिक और BS-4 डीजल ट्रकों को छूट।
- दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हल्के वाहन
- केवल इलेक्ट्रिक, CNG, और BS-4 डीजल वाहनों को प्रवेश की अनुमति।
- आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों को छूट।
- डीजल मालवाहक वाहनों पर रोक
- दिल्ली में BS-4 और उससे कम मानक के डीजल वाहनों पर प्रतिबंध।
- निर्माण कार्य पर रोक
- हाईवे, फ्लाईओवर, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन आदि से जुड़े निर्माण कार्यों पर ग्रेप-3 के तहत प्रतिबंध।
- ऑफिसों में वर्क फ्रॉम होम
- सरकारी, नगरपालिका, और निजी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने का निर्देश।
स्कूलों में कक्षाएं ऑनलाइन
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने वायु प्रदूषण को देखते हुए सभी कक्षाओं को ऑनलाइन चलाने का निर्देश दिया है। हालांकि, 10वीं और 12वीं की कक्षाएं स्कूल में ही आयोजित होंगी। यह निर्देश अगले आदेश तक लागू रहेगा।