राजस्थान: जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत के दखल के बाद विभागीय अधिकारियों ने मनपसंद ठेकेदारों को खुश करने का काम शुरू कर दिया है। विभाग में पिछले कुछ दिनों से टेंडर बांटने का काम तेजी से चल रहा है। टेंडर बांटने का तरीका भी काफी दिलचस्प है। कुछ टेंडर तो दाल-भात की तरह बांटे गए हैं, यानी एक ठेकेदार को एक काम, दूसरे ठेकेदार को दूसरा काम। इस तरह से सभी ठेकेदारों को खुश रखने की कोशिश की जा रही है।
इस सबके बीच, विभाग में कुछ अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। विभाग में जिन सरकारी अधिकारियों पर घोटाले का आरोप लगा था, सभी को एक ही रात में मंत्री ने सस्पेंड कर दिया है। इन सभी तक सरकारी कामकाज में लापरवाही और उदासीनता का आरोप था। इसपर सख्त कार्यवाई करते हुए मंत्री सुरेश रावत ने सबको सस्पेंड कर दिया। इस एक्शन में कई अधिकारी लपेटे में आ गए।
जल संसाधन मंत्री का दखल
जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत को विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों को टेंडर बांटने में पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए थे। सुरेश रावत ने यह भी कहा था कि टेंडर केवल योग्य और अनुभवी ठेकेदारों को ही दिए जाएं।
ठेकेदारों पर की थी मेहरबानी
अपने तत्काल एक्शन में जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने जोधपुर संभाग के मुख्य अभियंता अमर सिंह को सस्पेंड किया है। इसके साथ ही जोधपुर के ही वृत अधीक्षण अभियंता रीनेश सिंघवी को भी सस्पेंड कर दिया गया है। इन दोनों के अलावा जालोर खंड अधिशाषी अभियंता सुनील रतनानी का नाम भी सस्पेंड हुए अधिकारीयों में शामिल है। बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों ने नियम को टाक पर रखकर अपने पसंद के ठेकेदारों को टेंडर बांटा था।