हैदराबाद: थाईलैंड की ओपल सुचाता ने 72वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। यह पहली बार है जब थाईलैंड को विश्व सुंदरी का खिताब प्राप्त हुआ है। उन्हें यह ताज 2024 की मिस वर्ल्ड क्रिस्टीना पिस्जकोवा ने शनिवार को पहनाया।
ओपल सुचाता अंतरराष्ट्रीय संबंधों की छात्रा और पेशे से मॉडल हैं। फिनाले में उन्होंने खास तौर पर डिज़ाइन किया गया गाउन पहना, जिसने मंच पर उनकी मौजूदगी को और प्रभावशाली बना दिया। वे मनोविज्ञान और मानव विज्ञान में विशेष रुचि रखती हैं और भविष्य में राजनयिक बनने की आकांक्षा रखती हैं।
ओपल विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रही हैं और स्तन कैंसर से जुड़े संगठनों में स्वयंसेवी के रूप में योगदान दिया है। मिस वर्ल्ड की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उन्हें उकेलेले (एक वाद्य यंत्र) बजाने में भी दक्षता प्राप्त है। इसके अतिरिक्त, उनके पास सोलह बिल्लियां और पाँच पालतू कुत्ते हैं।
इस वर्ष प्रतियोगिता की निर्णायक समिति का नेतृत्व मिस वर्ल्ड संगठन की अध्यक्ष जूलिया मोर्ले ने किया। फाइनल राउंड में इथियोपिया की हासेट डेरेजे एडमसु को उपविजेता घोषित किया गया।
भारत की ओर से नंदिनी गुप्ता इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रही थीं, लेकिन वे शीर्ष आठ प्रतिभागियों में स्थान बनाने से पूर्व ही बाहर हो गईं। यदि वे जीततीं, तो वह भारत की सातवीं मिस वर्ल्ड बनतीं। भारत की ओर से अब तक छह महिलाएं यह खिताब जीत चुकी हैं। इनमें सबसे पहले रीता फारिया ने 1966 में जीत हासिल की थी, जो एशिया की पहली मिस वर्ल्ड भी बनी थीं। इसके बाद ऐश्वर्या राय ने 1994 में, डायना हेडन ने 1997 में, युक्ता मुखी ने 1999 में, प्रियंका चोपड़ा ने 2000 में और मानुषी छिल्लर ने 2017 में यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया।
इस बार का आयोजन भारत के तेलंगाना राज्य में हुआ, जहां प्रतियोगिता के दौरान एक महीने तक सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। दुनिया भर से आईं 108 प्रतिभागियों ने इस खिताब को पाने के लिए प्रतिस्पर्धा की, जिसमें ओपल सुचाता ने निर्णायक बढ़त बनाकर जीत हासिल की।
यह प्रतियोगिता वैश्विक मंच पर विविधताओं का सम्मान और महिलाओं की बहुआयामी प्रतिभा को उजागर करने का अवसर रही, जिसमें थाईलैंड की प्रतिभागी ने नए कीर्तिमान के साथ अपने देश का गौरव बढ़ाया।