Friday, August 22, 2025
Homeदेशथरूर का ट्रंप-मुनीर लंच पर कटाक्ष, कहा- उम्मीद है ‘फूड फॉर थॉट’...

थरूर का ट्रंप-मुनीर लंच पर कटाक्ष, कहा- उम्मीद है ‘फूड फॉर थॉट’ भी मिला होगा, अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर कांग्रेस सांसद की तीखी टिप्पणी, आतंकवाद पर स्पष्ट रुख की अपेक्षा जताई

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई लंच मीटिंग को लेकर तीखा व्यंग्य किया है। थरूर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस लंच के दौरान केवल भोजन ही नहीं, बल्कि कुछ ‘सोचने योग्य बातें’ भी सामने आई होंगी।

थरूर ने एक संवाददाता से बातचीत में कहा कि व्हाइट हाउस के अनुसार, आसिम मुनीर ने पहले ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की वकालत की थी और अब उन्हें लंच पर बुलाया गया है। थरूर ने तंज करते हुए कहा कि यह ‘सम्मान’ उन्हें उसी टिप्पणी के बाद मिला, और उम्मीद है कि भोजन स्वादिष्ट रहा होगा और उसके साथ कुछ ‘फूड फॉर थॉट’ भी मिला होगा।

सांसद थरूर ने कहा कि भारत की अपेक्षा है कि अमेरिका पाकिस्तान को यह स्मरण कराए कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाना जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देगा कि वह आतंकियों को पनाह देना, उन्हें हथियार और वित्तीय सहयोग देना तथा भारत में घुसपैठ करवाना बंद करे।

थरूर ने यह भी कहा कि अमेरिका को ओसामा बिन लादेन प्रकरण और 11 सितंबर 2001 को हुए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमलों को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब आसिम मुनीर को लंच कराया जा रहा था, तब शायद अमेरिका की ओर से उन्हें ऐसे संदेश भी मिले होंगे जो वैश्विक सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक हैं।

डोनाल्ड ट्रंप और आसिम मुनीर के बीच यह मुलाकात भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए चार दिवसीय सैन्य तनाव के बाद हुई है। व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में यह बैठक हुई, जिसे अमेरिकी मीडिया और विश्लेषकों ने गंभीर संकेतों से जोड़कर देखा है।

थरूर से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर हुई 35 मिनट की बातचीत को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि भारत ने किसी मध्यस्थता की मांग नहीं की। अगर कोई दबाव रहा होगा तो वह पाकिस्तान पर ही डाला गया होगा।

कांग्रेस की ओर से यह सवाल भी उठाया गया कि भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की जबकि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष सीधे राष्ट्रपति से मिले। इस पर थरूर ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री पहले ही ट्रंप से मिल चुके थे और संसद से जुड़े प्रतिनिधिमंडल आम तौर पर सांसदों या उपराष्ट्रपतियों से ही मुलाकात करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से भेजे गए प्रतिनिधियों ने वही संदेश दोहराया जो प्रधानमंत्री ने दिया था।

थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि जब बात आतंकवाद की होती है, तो पीड़ित और हमलावर के बीच कोई समानता नहीं हो सकती और मध्यस्थता जैसी बातें इस मूलभूत सच्चाई को धूमिल करती हैं।

गौरतलब है कि शशि थरूर ने विश्व के विभिन्न देशों में भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को सामने लाने के लिए बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ उनका रुख हमेशा सख्त रहा है, और इस बार भी उन्होंने अमेरिकी सरकार से स्पष्टता की उम्मीद जताई है।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!