तेलंगाना की राजनीति में सोमवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब गोशामहल से भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। उन्होंने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की और एक पत्र के माध्यम से अपना त्यागपत्र पार्टी को भेजा।
टी राजा सिंह को तेलंगाना में भाजपा के फायरब्रांड नेता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा कि यह निर्णय उनके लिए कठिन जरूर है, लेकिन आवश्यक था। उन्होंने कहा कि कई लोगों की चुप्पी को सहमति नहीं माना जा सकता। वह केवल अपनी बात नहीं कह रहे, बल्कि उन हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भावनाओं को भी प्रकट कर रहे हैं जो अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
अपने पत्र में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह पार्टी से भले ही अलग हो रहे हैं, लेकिन हिंदुत्व की विचारधारा, अपने धर्म और गोशामहल क्षेत्र के लोगों की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित रहेंगे। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि वह अपनी आवाज पहले से भी अधिक मजबूती के साथ उठाते रहेंगे और समाज के साथ खड़े रहेंगे।
राजा सिंह के इस्तीफे के पीछे तेलंगाना भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एन रामचंद्र राव के नाम की घोषणा को वजह बताया जा रहा है। पार्टी नेतृत्व ने राव के नाम पर सहमति जताई थी, जिससे नाराज होकर टी राजा सिंह ने अपने पद से हटने का निर्णय लिया। उन्होंने यह पत्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंडी संजय कुमार को भेजा है।
इस घटनाक्रम से राज्य की भाजपा इकाई में भीतरखाने असंतोष की स्थिति उभरकर सामने आई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि टी राजा सिंह जैसे प्रभावशाली विधायक का पार्टी से अलग होना आने वाले समय में संगठन के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। अब यह देखना बाकी है कि भाजपा नेतृत्व इस स्थिति से कैसे निपटेगा और क्या टी राजा सिंह को फिर से मनाने का प्रयास किया जाएगा या पार्टी अपने नए नेतृत्व के फैसले पर अडिग रहेगी।