पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मतदाता सूची को लेकर उठाए गए सवालों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। शनिवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह दावा किया कि जब उन्होंने मतदाता सूची में अपना नाम तलाशा, तो वह मौजूद नहीं था। उनके इस दावे के बाद बिहार की राजनीति में बयानबाज़ियों का दौर तेज हो गया है।
तेजस्वी ने संकेत दिया कि निर्वाचन आयोग द्वारा उनकी जानकारी समय पर अपडेट नहीं की गई, जिससे उनका नाम सूची में नहीं दिखा। इस आरोप के तुरंत बाद निर्वाचन आयोग और पटना के जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन मामला तब और उलझ गया जब यह तथ्य सामने आया कि तेजस्वी यादव के पास दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड नंबर हैं।
पहला EPIC नंबर RAB29161200 और दूसरा RAB0456228 बताया गया है। EPIC नंबर एक विशेष पहचान संख्या होती है, जो चुनाव आयोग द्वारा देश के मतदाताओं को जारी की जाती है। यह नंबर मतदाता पहचान पत्र पर छपा होता है और इसके आधार पर ही मतदाता का नाम सूची में जोड़ा जाता है।
जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास दो वोटर कार्ड होना गंभीर मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि तेजस्वी ने 2014 में कौटिल्य नगर के पते पर वोटर कार्ड बनवाया था, जबकि बाद में उनका पता बदलकर 10 सर्कुलर रोड, पटना कर दिया गया।
इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी और उनके पिता लालू प्रसाद यादव पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक ओर ये लोग संविधान की दुहाई देते हैं और दूसरी ओर उन्हीं संवैधानिक संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब इस तरह की “अत्यधिक स्वतंत्रता” को नियंत्रित करना आवश्यक हो गया है।
तेजस्वी यादव के इस बयान और फिर दो EPIC नंबर होने की जानकारी सामने आने के बाद विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा स्थिति स्पष्ट किए जाने के बावजूद मामला अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आयोग इस पर क्या कार्रवाई करता है और क्या तेजस्वी पर कोई कानूनी प्रभाव पड़ता है।