सुप्रीम कोर्ट नवीनतम समाचार: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ गुजरात में दायर मानहानि का केस खत्म हो सकता है. सोमवार (29 जनवरी, 2024) को इस मामले की सुनवाई के दौरान इस बात के संकेत सुप्रीम कोर्ट ने देते हुए उनसे एक हलफनामा दाखिल करने को कहा. टॉप कोर्ट ने कहा कि वह बेहतर एफिडेविट दाखिल करे जिसमें उन्हें यह लिखना होगा कि उन्हें गुजरातियों को ठग बताने वाले बयान पर खेद है. वह इसी वजह से उस बयान को वापस ले रहे हैं. मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी.
पिछले हफ्ते SC पहुंचे थे तेजस्वी
बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दायर किया था. उन्होंने इसमें गुजारतियों को लेकर की गई टिप्पणी को वापस लेने की जानकारी दी थी. मामले में उनके खिलाफ अदालत में मानहानि का मामला फिलहाल पेंडिंग है. तेजस्वी ने गुजरातियों को लेकर की गई टिप्पणी मामले में दर्ज आपराधिक मानहानि मामले को ट्रांसफर कराने के लिए भी यह याचिका दी थी. उन्होंने गुजरात से बाहर इस मामले को दिल्ली या पटना में ट्रांसफर करने की गुजारिश की थी.
जजों की ओर से क्या कुछ पूछा गया था?
जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने पिछली सुनवाई में शिकायतकर्ता हरेश मेहता के वकील से पूछा कि तेजस्वी यादव ने टिप्पणी वापस ले ली है. ऐसे में क्या उन पर मुकदमा चलाया जाना जरूरी है? कोर्ट ने कहा था कि हलफनामे में स्पष्ट है कि तेजस्वी टिप्पणी वापस ले चुके हैं. ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए उस मामले में क्या बचता है? हालांकि, कोर्ट ने हरेश मेहता के वकील से कहा कि इस मामले में वह मुवक्किल से निर्देश ले लें कि वह आगे क्या चाहते हैं?
क्या है पूरा मामला? समझिए
दरअसल, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने 22 मार्च 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गुजरातियों को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान दिया था. उन्होंने कहा था, “ठग है न…जो ठग है, ठग को अनुमति है. आज के देश के हालात में देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकता है और उसकी ठगी को माफ किया जाएगा. एलआईसी का पैसा और बैंक का पैसा दे दो, फिर वे लोग लेकर भाग जाएंगे.”
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