Wednesday, February 19, 2025
Homeसूरजगढ़तीन लाख रुपए के अभाव में अपने पालनहार के अंतिम संस्कार को...

तीन लाख रुपए के अभाव में अपने पालनहार के अंतिम संस्कार को तरस रहा एक परिवार, भारत सरकार से मदद की गुहार

20 साल पहले सऊदी अरब गए मजदूर राजेंद्र नायक का निधन, 15 दिन से सऊदी के अस्पताल में है बॉडी

सूरजगढ़, 15 फरवरी 2025: राजस्थान के झुंझुनूं जिले की जाखोद पंचायत के गांव बिशनपुरा में एक परिवार तीन लाख रुपए के अभाव के चलते अपने पालनहार के अंतिम संस्कार को तरस रहा है। 20 साल पहले सऊदी अरब कमाने गए मजदूर राजेंद्र नायक का वहां निधन हो गया, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण परिवार उनका शव भारत लाने में असमर्थ है। करीब 15 दिनों से उनका शव सऊदी अरब के अस्पताल में रखा हुआ है और परिजन शव को भारत लाने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

आखिरी बार वीडियो कॉल पर हुई थी बात

राजेंद्र नायक के बेटे संदीप नायक ने बताया कि उनके पिता 20 साल पहले सऊदी अरब गए थे और वहीं एक अरबी के घर काम कर रहे थे। वे अक्सर फोन पर परिवार से बात करते थे और हर बार अगली बार आने का वादा करते थे। 2-3 महीने से वे घर खर्च के लिए पैसे भी भेजते थे। लेकिन बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी।

Advertisement's
Advertisement’s

11 जनवरी को परिवार ने अंतिम बार वीडियो कॉल पर राजेंद्र को देखा था। उस दौरान उन्होंने स्वस्थ होने के बाद घर लौटने की बात कही थी। लेकिन इसके बाद उनका फोन बंद हो गया, जिससे परिवार चिंतित हो गया। 18 दिन पहले परिवार को सऊदी अरब से एक रिश्तेदार का फोन आया, जिसने बताया कि राजेंद्र नायक का निधन हो गया है और उनका शव अस्पताल में रखा हुआ है।

तीन लाख रुपए का खर्च, परिजन असमर्थ

राजेंद्र नायक का शव भारत भेजने के लिए करीब तीन लाख रुपए की जरूरत है, लेकिन परिवार आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं है कि इतनी बड़ी रकम जुटा सके। संदीप नायक ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति पहले भी खराब थी, जिसके कारण ही उनके पिता सऊदी गए थे, लेकिन आज भी स्थिति वैसी ही बनी हुई है।

परिवार निधन से बेखबर, राजेन्द्र के जल्द लौटने का कर रहा इंतजार

राजेंद्र नायक की मौत से उनके घर के सदस्य बेखबर है। मृतक के बेटे संदीप के अलावा घर में किसी को इस घटना का नहीं पता। हालांकि गांव व परिवार के अन्य सदस्यों को राजेंद्र के मौत की खबर लग चुकी है। घर में राजेन्द्र की मां, पत्नी और तीन बच्चे हैं, जो पिछले 20 साल से उनके लौटने का इंतजार कर रहे थे। एक मां अपने बेटे को देखने के लिए तरस रही है, एक पत्नी 20 साल से अपने पति की राह देख रही है, और तीन बच्चे अपने पिता का स्नेह के लिए तरस गए हैं।

Advertisement's
Advertisement’s

सरकार से मदद की गुहार

राजेंद्र नायक के बेटे ने भारत सरकार से मदद की अपील की है ताकि उनके पिता का शव जल्द से जल्द भारत लाया जा सके और उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव में किया जा सके। गांव के सरपंच प्रतिनिधि सुनील बिजारणिया ने बताया कि परिवार इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ है। उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधियों की मदद से विदेश मंत्रालय को पत्र भिजवाया जा चुका है। उन्होंने भी राजेन्द्र नायक के शव को भारत लाए जाने के लिए पीड़ित परिवार की मदद के लिए भारत सरकार से अपील की है।

गांव में शोक, मदद की उम्मीद

राजेंद्र नायक की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार जल्द मदद नहीं करती तो परिवार को अपने ही सदस्य के अंतिम दर्शन तक नसीब नहीं होंगे। सभी ने एकजुट होकर भारत सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द शव को भारत लाने की प्रक्रिया पूरी की जाए ताकि परिजन उनकी अंतिम विदाई कर सकें।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!