डोडा, जम्मू-कश्मीर (16 जुलाई 2024): जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के धारी घोट उरारबागी इलाके के जंगलों में सोमवार को शुरू हुई मुठभेड़ मंगलवार तक जारी है। इस मुठभेड़ में अब तक चार जवान शहीद हो चुके हैं और कुछ अन्य घायल हुए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के जवान ऑपरेशन में जुटे हैं। डोडा हाईवे को पूरी तरह से हाई अलर्ट पर रखा गया है और पूरे इलाके में सुरक्षा बल निगरानी बनाए हुए हैं। हर आने-जाने वाली गाड़ी की सख्त चेकिंग की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की है, जिन्होंने उन्हें डोडा में चल रही मुठभेड़ और जमीनी हालात के बारे में जानकारी दी।
2-3 आतंकियों के छिपे होने की खबर
धारी घोट उरारबागी के जंगलों में 2-3 आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ मिलकर ऑपरेशन शुरू किया। आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई।
कल रात से चल रही है मुठभेड़
सेना की 16 कोर के अनुसार, डोडा के उत्तर में जनरल क्षेत्र में आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया। करीब रात नौ बजे आतंकवादियों का पता चला, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और मुठभेड़ शुरू हो गई। फिलहाल ऑपरेशन जारी है और पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
#WATCH | Morning visuals from the Doda area of Jammu & Kashmir.
— ANI (@ANI) July 16, 2024
An Encounter started late at night in the Dessa area of Doda in which some of the Indian Army troops got injured.
(Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/ZQdSSRSjun
पिछले महीने डोडा में आतंकियों ने किया था हमला
जम्मू-कश्मीर के डोडा में 11 जून को आतंकवादी सक्रिय हुए थे और 2 दिन में 2 आतंकी हमले किए थे। चटर गल्ला के ऊपरी इलाके में 11 जून की रात को सुरक्षा बलों पर हमला किया गया था, जिसमें कई जवान घायल हो गए थे। इसके बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में 3 आतंकियों को मार गिराया था।
राजनीतिक दलों पर उठ रहे हैं सवाल
डोडा में चल रही मुठभेड़ के बीच, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने खुलासा किया है कि आतंकी पंजाब की सीमा से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर की कुछ राजनीतिक पार्टियों ने वोट बैंक के लिए आतंकी नेटवर्क को बढ़ावा दिया है। डीजीपी स्वैन ने कहा, “आतंकियों के मारे जाने पर उनके परिवारों के प्रति सहानुभूति जताना न्यू नॉर्मल बन गया है। वे घर जाते हैं और सहानुभूति जताते हैं। सरकार के आतंकवाद विरोधी अभियानों को कमजोर करने की कोशिश की गई है।” उन्होंने जमात-ए-इस्लामी का भी जिक्र किया और कहा कि ऐसी संस्थाएं आतंकियों को धार्मिक समर्थन देती हैं।
अमरनाथ यात्रा पर हमले की साजिश विफल
आतंकी अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की योजना बना रहे थे। 12 जुलाई को सेना को मिली खुफिया सूचना के आधार पर केरन सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकियों को मार गिराया गया। तलाशी अभियान के दौरान बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए।