पिलानी ब्लॉक के झेरली में आज आम रास्ते को बन्द कर देने से माहौल गर्मा गया। विवाद तब हुआ जब झेरली आश्रम के पास से घूमनसर जाने वाले रास्ते को आश्रम के लोगों ने तारबंदी कर बंद कर दिया। जिसके बाद झेरली और घूमनसर के सैंकड़ों ग्रामीणों ने एक राय होकर रास्ता बन्द करने के लिए की गई तारबंदी को उखाड़ फेंका। सूचना पर प्रशासन और पुलिस भी मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाइश के प्रयास किए।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह झेरली स्थित बाबा हरिनाथ आश्रम में आए कुछ लोगों ने आश्रम के पास से घूमनसर जाने वाले आम रास्ते को दोनों तरफ से तारबंदी कर बंद कर दिया। इससे पहले इन्हीं लोगों ने इस रास्ते पर पानी की एक डिक्की भी खुदवा दी थी। रास्ता बंद करने के बाद घूमनसर, गुर्जरों की ढाणी, थिरपाली आदि गांवों के लिए इधर से गुजरने वाले ग्रामीणों को घूम कर दूसरे रास्ते से जाने के लिए कहा गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें धमकी दी गई है कि आइंदा इधर से न जाएं।
आपको बता दें कि गांव के खसरा नं 367, गैर मुमकिन जोहड़ की भूमि और उस पर बने सरकारी पशु औषधालय पर कब्जे को लेकर ग्रामीणों और आश्रम में रहने वाले लोगों के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि आश्रम की आड़ में जोहड़ की पूरी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। यही नहीं इस जमीन पर लगे सैंकड़ों पेड़ों को भी काट दिया गया है। सरपंच प्रतिनिधि कैप्टन पूर्णमल ने बताया कि पहले भी तहसीलदार, एसडीएम और जिला कलेक्टर को लिखित में जोहड़ की जमीन को लेकर जारी विवाद की सूचना देते हुए अतिक्रमण हटवाने की मांग की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
घूमनसर सरपंच नरेन्द्र धनखड़ ने बताया कि आश्रम में हरियाणा के आपराधिक लोगों का आवागमन रहता है अन्य असामाजिक तत्व भी यहां डेरा डाले रहते हैं। सरपंच नरेन्द्र धनखड़ ने आरोप लगाया कि पुलिस जांच करे तो आश्रम से नशीले पदार्थों के अलावा हथियार भी बरामद होंगे।
ताजा विवाद के बाद घूमनसर सरपंच नरेन्द्र धनखड़, झेरली सरपंच अनूप देवी और उप सरपंच विक्रम सिंह ने पिलानी थानाधिकारी को आश्रम के महन्त दशहरानाथ महाराज, नरेन्द्र भटैया, सतवीर, धीरू और किशन भटैया के विरुद्ध तारबंदी से आम रास्ते को बन्द करने, धमकी देने का परिवाद दिया है।
मामले में आश्रम महन्त दशहरा नाथ महाराज का पक्ष जानने के लिए उनसे सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो पाई।
मौके पर सरपंच घूमनसर नरेंद्र धनखड़, कै. पूरन मल झेरली, विक्रम, महेंद्र मांजू, नरेन्द्र स्योराण, माला राम धनखड़, महावीर डाला, कुरड़ाराम धानक, अशोक जांगिड़, हंसराम प्रजापत, राजेन्द्र टेलर, नवीन सिंह शेखावत, बशेसर भामू, नरेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।