Thursday, December 12, 2024
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झुंझुनू विप्र समाज की अनुकरणीय पहल: 108 कुण्डीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ मे विशाल भंडारे का आयोजन किया

झुंझुनू, 30 मई 2024 (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला)– शेखावाटी अंचल की पावन धरा पर एक ऐतिहासिक और धर्मिक आयोजन हो रहा है। अखिल भारतीय निंबार्क पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 काठियां बाबा के सानिध्य में 108 कुण्डीय अष्टोत्तर श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह महायज्ञ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि समाज को एकजुट करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है।

महायज्ञ का महत्व

1 जून को महायज्ञ की सुबह 11:15 पर पूर्ण आहुति के साथ एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। शिवचरण पुरोहित ने जानकारी देते हुए बताया कि इस भव्य आयोजन मे भंडारे का आयोजन झुन्झुनू विप्र समाज के सौजन्य से किया जा रहा है। महायज्ञ सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है, जिसमें पूर्ण आहुति का विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।

आयोजन समिति का गठन

इस महायज्ञ और भंडारे को सफल बनाने के लिए शिवचरण पुरोहित की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में राकेश सहल, हरिकिशन शुक्ल, वशिष्ठ शर्मा, अनिल जोशी, महेश बसावतिया, चंद्रप्रकाश जोशी, ललित जोशी, कमलकांत शर्मा, और नीरज शर्मा जैसे समाज के कई महानुभाव शामिल हैं। इन सभी ने तन, मन, धन से इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

समाज की अनुकरणीय पहल

विप्र समाज की इस अनुकरणीय पहल ने पूरे क्षेत्र में एक उदाहरण स्थापित किया है। शिवचरण पुरोहित ने बताया कि इस आयोजन को सफल बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने विशेष रूप से उन सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने अपने संसाधनों से इस महायज्ञ को सफल बनाने में सहयोग किया।

धर्मपरायण लोगों का आह्वान

शिवचरण पुरोहित ने सभी धर्मपरायण लोगों से आह्वान किया कि वे इस ऐतिहासिक महायज्ञ की पूर्ण आहुति में शामिल होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें और भंडारे में महा प्रसादी ग्रहण करें। इस महायज्ञ का उद्देश्य न केवल धार्मिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है, बल्कि समाज में सद्भाव और एकता को बढ़ावा देना भी है।

समापन

झुंझुनू विप्र समाज द्वारा आयोजित इस महायज्ञ और भंडारे का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी प्रबल करता है। यह आयोजन इस बात का जीवंत उदाहरण है कि जब समाज के लोग एकजुट होते हैं, तो वे किसी भी बड़े से बड़े कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कर सकते हैं। इस महायज्ञ में भाग लेने वाले सभी लोग पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे और उन्हें धर्मिक आस्था की एक नई ऊर्जा मिलेगी।

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