झुंझुनू, 24 अगस्त 2024: हाल ही में मीडिया में प्रकाशित एक खबर में यह दावा किया गया था कि 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों को युद्ध सम्मान योजना के तहत 15 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। इस खबर से कई पूर्व सैनिकों में उत्साह का संचार हुआ था।
हालांकि, अब जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, चिड़ावा कर्नल सुरेश कुमार जांगिङ (से.नि.), ने इस खबर को गलत बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि विभागीय स्तर पर अभी तक इस संबन्ध में कोई अन्तिम निर्णय नहीं लिया गया है। विभाग ने केवल इस संबंध में प्रस्ताव मांगा है और अंतिम निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाएगा।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने कहा, “हमने देखा है कि इस खबर से कई पूर्व सैनिकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। इसलिए हमने यह स्पष्टीकरण जारी किया है।”
उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए आगे कहा है कि इसमें स्पष्ट किया जाता है कि अभी भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा 1965 व 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लेनें वाले (पेंशनर व नाॅन पेंशनर) सैनिकों को “युद्ध सम्मान योजना” के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु प्रस्तावित सूची मांगी गयी है, अभी देने का वादा नहीं किया है। अतः भ्रमित न हों और प्रस्ताव को पारित ना समझा जाए। जो भी निर्णय सैनिक कल्याण विभाग भारत सरकार की ओर से लिया जाएगा, उससे सभी पूर्व सैनिकों को अवगत करवाया जायेगा।
क्या है युद्ध सम्मान योजना?
युद्ध सम्मान योजना के तहत, देश के लिए 1965 और 1971 युद्ध में के अपने प्राण न्यौछावर करने वाले और जान की बाजी लगाकर देश की सरहदों की रक्षा करने वाले सैनिकों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मीडिया द्वारा यह खबर कैसे प्रकाशित की गई। लेकिन इसकी वजह से पूर्व सैनिकों में भ्रम की स्थिति बन गई थी। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के स्पष्टीकरण से भ्रम की यह स्थिति दूर होगी।