रांची, झारखंड: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य की महिलाओं को एक बड़ी सौगात देते हुए ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ा दिया है। अब इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये की बजाय 2500 रुपये मिलेंगे। यह फैसला सोमवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसमें कुल 29 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी।
दिसंबर से शुरू होगी नई सम्मान राशि का वितरण
हेमंत सोरेन सरकार के इस फैसले से राज्य की करीब 50 लाख महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत दिसंबर महीने से महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में 2500 रुपये प्रति माह सम्मान राशि जमा की जाएगी। यह कदम राज्य सरकार के महिला सशक्तिकरण और कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बीजेपी के 2100 रुपये के प्रस्ताव के जवाब में 2500 रुपये का दांव
राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सरकार बनने पर ‘गोगो दीदी योजना’ के तहत महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की थी। लेकिन हेमंत सोरेन ने 2500 रुपये की सम्मान राशि के साथ इस पर करारा जवाब दिया है। उनके इस निर्णय को ‘नहले पे दहला’ माना जा रहा है, जिससे सियासी गलियारों में भी हलचल मची हुई है।
शिक्षकों को मिला कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का लाभ
झारखंड कैबिनेट ने पारा शिक्षकों, सहायक अध्यापकों और कस्तूरबा विद्यालय के शिक्षकों को भी बड़ी राहत दी है। अब राज्य सरकार इन शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का लाभ देगी। लंबे समय से शिक्षक इस मांग को लेकर संघर्ष कर रहे थे, और उन्होंने 17 अक्टूबर से आंदोलन पर जाने की घोषणा कर दी थी। सरकार के इस निर्णय के बाद शिक्षकों में संतोष की लहर है।
आदिवासी परिवारों के लिए नई योजना और नेतरहाट विकास को 43 करोड़ की स्वीकृति
झारखंड कैबिनेट ने असम के चाय बागानों में काम कर रहे झारखंड के 15 लाख आदिवासी परिवारों के कल्याण के लिए एक विशेष योजना बनाने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए आदिवासी कल्याण मंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो असम जाकर इन परिवारों के कल्याण के लिए रिपोर्ट तैयार करेगी।
इसके अलावा, नेतरहाट के विकास के लिए भी 43 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। साथ ही बोकारो में नेतरहाट स्कूल के तर्ज पर एक आवासीय विद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया गया है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य सरकार का बड़ा योगदान रहेगा।
वाल्मीकि छात्रवृत्ति योजना को मिली मंजूरी
झारखंड सरकार ने वाल्मीकि छात्रवृत्ति योजना को भी लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य अनाथ और दिव्यांग बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत, राज्य सरकार छात्रों की 10 लाख रुपये तक की ट्यूशन फीस का भुगतान करेगी। इसके अलावा, 4 हजार रुपये तक की सहायता राशि भी दी जाएगी। इस योजना से राज्य के करीब 1200 छात्रों को लाभ मिलेगा।
शैक्षणिक संस्थानों को मिली स्वीकृति
झारखंड सरकार ने गोड्डा जिले के ठाकुरगंटी में डिग्री महाविद्यालय की स्थापना को मंजूरी दी है। इसके साथ ही बहरागोड़ा में भी एक महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति मिली है। पोटका पॉलिटेक्निक कॉलेज के निर्माण के लिए भी 136 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी प्रगति होने की उम्मीद है।