झांसी, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बीती रात भीषण अग्निकांड ने दिल दहला दिया। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में लगी आग के कारण 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 16 की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस घटना के बाद प्रदेश सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए 12 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक, घटना रात करीब 10:30 से 10:45 बजे के बीच हुई। NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे, जब ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। कमरे में ऑक्सीजन की अधिक मात्रा के चलते आग तेजी से फैल गई। बचाव अभियान के दौरान खिड़की तोड़कर करीब 35 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन 10 नवजात शिशुओं को बचाया नहीं जा सका।
मेडिकल कॉलेज के चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगने से यह हादसा हुआ। दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक कई जिंदगियां इस भयावह घटना का शिकार हो चुकी थीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में घटित दुर्घटना अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है। जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।”
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया मेडिकल कॉलेज का दौरा
सीएम योगी के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक घटनास्थल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “नवजात शिशुओं की मौत अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम बच्चों के शवों की पहचान करने और उनके परिजनों को सहायता प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन और अग्निशमन विभाग मिलकर घटना की तीन स्तरीय जांच करेंगे। जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
प्रशासन ने शुरू की जांच
राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग की टीमें भी कारणों की गहन पड़ताल कर रही हैं। झांसी प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी।
घायलों का इलाज जारी
घटना में घायल 16 नवजात शिशुओं का इलाज जारी है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनकी देखभाल कर रही है। प्रशासन ने कहा है कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सहायता दी जाएगी।