झुंझुनूं: जिला परिषद सभागार में भाजपा की ओर से आयोजित की गई बैठक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस बैठक पर कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे संस्थागत दुरुपयोग करार दिया है और इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने एसडीएम को जिला कलेक्टर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा जिलाध्यक्ष बनने के बाद जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि ने परिषद भवन को पार्टी का कार्यालय बना डाला। बिना किसी अनुमति के सभागार में भाजपा की बैठक आयोजित की गई, जिसमें परिषद की सुविधाओं का उपयोग किया गया। कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक परंपराओं के विपरीत बताते हुए दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उस बैठक में उपयोग की गई बिजली, पानी, एयर कंडीशन, माइक सिस्टम और कर्मचारियों की सेवा की लागत को वसूलने की बात भी रखी गई है।
सुंडा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने परिषद के कर्मचारियों से भी राजनीतिक सेवा ली, जो एक सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा के पास बैठकों के लिए जगह नहीं है तो कांग्रेस अपने कार्यालय का स्थान देने को तैयार है, लेकिन जिला परिषद जैसे संवैधानिक संस्थानों को राजनीतिक मंच नहीं बनने देंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भाजपा को यह सुविधा मिल सकती है तो फिर सभी दलों को भी समान अवसर दिए जाएं।
ज्ञापन में कहा गया कि भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने घंटों तक सभागार का उपयोग कर राजनीतिक चर्चा की, जो कि निषिद्ध है। इसके लिए किसी प्रकार की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं ली गई। कांग्रेस ने जिला परिषद भवन को भविष्य में किसी भी राजनीतिक गतिविधि के लिए प्रतिबंधित किए जाने की भी मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता संतोष सैनी, सहबाज फारूकी, सलीम, फिरोज खान, प्रशांत जोशी और राकेश सुंडा भी इस अवसर पर मौजूद रहे और उन्होंने कहा कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस आगे चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी।