झुंझुनू, 22 नवम्बर 2024: झुंझुनू में जिला मुख्यालय स्थित बीडीके हॉस्पिटल के डॉक्टरों की लापरवाही का मामला लगातार सुर्खियों में है। यहां जीवित युवक को मृत घोषित कर मोर्चरी में डीप फ्रीज में रखवाने और बिना पोस्टमार्टम किए उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट बना कर देने की डॉक्टरों की आपराधिक जल्दबाजी एक युवक की जान पर भारी पड़ सकती थी। डॉक्टरों की इस लापरवाही के बाद युवक को मृत मानते हुए श्मशान घाट तक पहुंचा दिया गया था। लेकिन चिता पर लेटे युवक के शरीर में हलचल होने पर उसे वापस बीडीके हॉस्पिटल लाया गया जिसके बाद सारे मामले का खुलासा हुआ। हालांकि अब भी यह पता नहीं लग पाया है कि डॉक्टरों ने आखिर जीवित युवक को मृत घोषित करने और उसके फर्जी पोस्टमार्टम की जल्दबाजी क्यों की।
पीएमओ सहित दोनों डॉक्टर सस्पेंड
राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पीएमओ सहित 2 अन्य डॉक्टरों को निलम्बित कर दिया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त शासन सचिव निशा मीना ने जिला कलेक्टर द्वारा प्रेषित रिपोर्ट के आधार पर बीडीके अस्पताल, झुंझुनू के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डाॅ. संदीप पंचार, अस्पताल में युवक को मृत घोषित करने वाले डॉ. योगेश जाखड़ और युवक के पोस्टमार्टम की खानापूर्ति करने वाले डॉ. नवनीत मील को निलम्बित कर दिया है।
निलम्बन अवधि में डाॅ. संदीप पंचार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसमलेर, डाॅ. योगेश कुमार जाखड़ को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाड़मेर व डाॅ. नवनीत मील को मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जालौर के कार्यालय भेजे जाने का आदेश जारी किया गया है।
जानिए आखिर क्या है मामला
आपको बता दें कि बगड़ में मां सेवा संस्थान के आश्रय गृह में रहने वाले रोहिताश (25) की गुरुवार दोपहर को तबीयत बिगड़ने पर झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान दोपहर 1 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि रोहिताश अनाथ है और मूक-बधिर भी है। ऐसे में वो पिछले काफी समय से मां सेवा संस्थान के आश्रय गृह में ही रह रहा है। तबियत बिगड़ने पर रोहिताश को बीडीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान दोपहर 1 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टर द्वारा मृत घोषित करने पर रोहिताश की बॉडी को अस्पताल की मॉर्च्यूरी में भिजवा दिया गया, जहां लगभग 2 घंटे तक उसकी बॉडी डीप फ्रिजर में रखी रही। पुलिस के आने पर पंचनामा बनाया गया जिसके बाद शव को मां सेवा संस्थान के पदाधिकारियों को सौंप दिया गया। पदाधिकारियों ने शाम करीब 5 बजे शव को एंबुलेंस में रखवाया और झुंझुनूं में ही पंच देव मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट ले गए। यहां रोहिताश की बॉडी को चिता पर रखा तो उसकी सांस चलने लगी और शरीर हिलने लगा। यह देखकर एक बार तो वहां मौजूद सभी लोग डर गए। इसके बाद तुरंत एंबुलेंस बुलाकर रोहिताश को अस्पताल ले जाया गया। इस घटना के बाद बीडीके अस्पताल में भी हड़कंप मच गया और आनन-फानन में मृत घोषित किये गए रोहीताश को आईसीयू में भर्ती किया गया।
घटना के बाद प्रशासन भी हुआ सक्रिय
बीडीके अस्पताल में हुए इस घटनाक्रम की जानकारी मिलने के बाद जिला कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार महेंद्र मूंड और सामाजिक अधिकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया अस्पताल पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल में पीएमओ डॉ. संदीप पचार की मौजूदगी में करीब 1.30 घंटे तक डॉक्टरों की बैठक हुई।
जिला कलेक्टर ने रात करीब 10.30 बजे पीएमओ डॉक्टर संदीप पचार, सामाजिक अधिकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया सहित अन्य अधिकारियों को अपने बंगले पर बुलाया और मामले की जानकारी ली।
जांच के लिए कमेटी गठित की गई
जिला कलेक्टर रामअवतार मीणा ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करते हुए पीएमओ से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी कर दिए। इसके अलावा मेडिकल डिपार्टमेंट के सचिव को भी इसकी जानकारी दे दी गई।