पिलानी, 9 अगस्त 2024: जय जोहार के उदघोष के साथ आदिवासी मीणा समाज के प्रबुद्व लोगों ने शुक्रवार को नरहड़ में स्वतंत्रता सेनानी गणपत राम बगरानियाँ के स्मृति स्थल पर विश्व आदिवासी दिवस मनाया। आदिवासी मीणा समाज की संस्कृति के विकास और उत्थान पर परिचर्चा की तथा वृक्षारोपण किया।
इस अवसर पर रामसिंह बगरानिया ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति जितनी प्राचीन और गौरवशाली है उतनी ही प्रगतिशील है। जीवन के हर क्षेत्र में आदिवासी मीणा समाज ने उपलब्धियां हासिल कर समाज के साथ देश का नाम रोशन किया है। विश्व में आदिवासी मीणा समाज सबसे प्राचीन समाज है, इसकी जड़ें मानव उत्पत्ति के इतिहास से जुडी हैं। आदिवासी समुदाय के पुरखों ने प्राचीन सभ्यता को बचाने के साथ आजादी की जंग में भी हिस्सा लिया और देश के लिए कुर्बानियां दीं। आदिवासी समाज जल, जंगल और जमीन को प्रदूषण मुक्त करने के लिए संघर्षरत हैं।
वक्ताओं ने देश की आजादी और विकास में योगदान देने वाले आदिवासी समाज की विभूतियों को याद करते हुए उन्हें आदरांजलि दी।
स्वतंत्रता सेनानी गणपत राम बगरानिया को श्रद्धांजलि
इस अवसर पर स्वाधीनता आन्दोलन में ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई यातनाओं और राष्ट्रद्रोह व देश निकाला की सजा झेलने वाले नरहड़ के स्वतंत्रता सेनानी गणपत राम बगरानिया को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ग्रामीणों ने सरकार से गांव से स्वतंत्रता सेनानी गणपत राम बगरानिया के स्मृति स्थल तक सड़क बनवाने की मांग की ।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में अशोक कुमार, लक्ष्मण, बलबीर, सुमेर सिंह, मानसिंह, सुशील, इंद्राज सिंह, संदीप, शीशराम, शिंभुदयाल, गोपाल, अमित मीना, चिराग मीना, प्रिंस मीणा, गायत्री देवी, सुभिता, राजबाला, शारदा, बिमला, कमला, कृष्णा, संतोष, पूजा मीणा आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संयोजन अरविंद मीणा ने किया।