जयपुर, राजस्थान: राजस्थान में एक अनोखी पहल शुरू हो रही है। जयपुर के टोंक रोड पर स्थित मोक्षधाम में छह महीने के भीतर करोड़ों रुपयों के काम कराए जाएंगे जो पर्यटकों के लिए होंगे। जयपुर नगर निगम हेरिटेज की मेयर सौम्या गुर्जर ने इस श्मशान को आगामी बीस सालों के लिए जयपुर के माहेश्वरी समाज को लीज पर दे दिया है।
इस परियोजना का लक्ष्य राजस्थान की संस्कृति और मृत्यु के प्रति दृष्टिकोण को विदेशी और देशी पर्यटकों के सामने पेश करना है। पर्यटक यहां जलते हुए शवों को देख सकेंगे, मृत्यु संस्कारों की प्रक्रिया को समझ सकेंगे और राजस्थान की कलाकृतियों का आनंद ले सकेंगे।
क्या होगा खास?
- मोक्षधाम में जन्म से लेकर मृत्यु तक के संस्कारों को कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
- लेजर शो का आयोजन किया जाएगा।
- पर्यटकों के लिए रुकने की सुविधा होगी।
- खाने-पीने और अन्य सुविधाओं के लिए हॉल और केटरिंग की व्यवस्था होगी।
कौन कर रहा है काम?
इस परियोजना को मशहूर आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया द्वारा डिजाइन किया जाएगा जिन्होंने गुजरात के जामनगर में भी एक श्मशान स्थल को टूरिस्ट स्पॉट में बदला था।
कब तक होगा तैयार?
पूरी परियोजना छह महीने के अंदर तैयार हो जाएगी।
यह पहल क्यों खास है?
यह पहल कई मायनों में खास है:
- यह मृत्यु के प्रति नजरिए को बदलने में मदद करेगा।
- यह राजस्थान की संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देगा।
- इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सरकार को राजस्व भी होगा।
क्या हैं चुनौतियां?
इस पहल को लेकर कुछ लोगों ने आशंकाएं भी जताई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह मृत्यु के प्रति अनादरजनक हो सकता है।
लेकिन, जयपुर नगर निगम और माहेश्वरी समाज का कहना है कि वे इस बात का पूरा ध्यान रखेंगे कि श्मशान की गरिमा बनी रहे और पर्यटकों को किसी भी तरह की आपत्ति न हो।
यह निश्चित रूप से एक अनोखी पहल है जो जयपुर और राजस्थान को पर्यटन के नक्शे पर और भी मजबूती से स्थापित करेगी।