जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के प्रारंभिक रुझानों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) मजबूत स्थिति में नजर आ रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दूसरे स्थान पर है। एनसी 40 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इसके बावजूद, एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के चेहरे पर चिंता के भाव साफ देखे जा सकते हैं। उन्होंने बीजेपी के प्रति अपनी आशंकाओं को व्यक्त करते हुए जनता के फैसले का सम्मान करने की बात कही है।
उमर अब्दुल्ला की चिंता: जनादेश का सम्मान करें बीजेपी
एएनआई से बातचीत के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हम चुनाव जीतेंगे, लेकिन अंतिम फैसला दोपहर तक स्पष्ट हो जाएगा। मतदाताओं का निर्णय साफ होना चाहिए और पारदर्शिता होनी चाहिए। यदि लोगों का जनादेश भाजपा के खिलाफ है, तो उन्हें कोई राजनीतिक चाल नहीं चलनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन मजबूत स्थिति में है और उन्हें इस पर पूरा भरोसा है। उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जनादेश उनके खिलाफ है, तो बीजेपी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
एनसी-कांग्रेस गठबंधन पर भरोसा
जम्मू और कश्मीर में एक दशक के अंतराल के बाद हुए विधानसभा चुनावों में एनसी और कांग्रेस ने गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ा। उमर अब्दुल्ला ने गठबंधन की सफलता पर विश्वास जताया और कहा कि वे जनता के निर्णय का सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा, “यह चुनाव जम्मू और कश्मीर के मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है, और हमें यकीन है कि वे सही फैसला करेंगे।”
हालांकि, अब्दुल्ला ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि उन्हें भविष्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जैसी पार्टियों से समर्थन की आवश्यकता होगी या नहीं।
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पीडीपी के समर्थन पर बयान
उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि एनसी ने पीडीपी से कोई समर्थन नहीं मांगा है, और इस समय किसी भी प्रकार का समर्थन उनके पास नहीं है। उन्होंने कहा, “अभी परिणाम का इंतजार करें। हम इतने बेचैन क्यों हैं? किसी के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है, परिणाम आने दीजिए। उसके बाद ही हम स्थिति का आकलन करेंगे।”
जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थिति
जम्मू और कश्मीर में इंडिया गठबंधन के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा है, जबकि पीडीपी और बीजेपी ने अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था। चुनाव के बाद की स्थिति पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं, और जनता के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।