मणिपुर: मणिपुर में राजनीतिक घटनाक्रम में बड़ा मोड़ आया है। जनता दल (यूनाइटेड) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपना समर्थन वापस ले लिया है। जेडीयू के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर अब विपक्ष का हिस्सा बन गए हैं। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब जेडीयू, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का एक महत्वपूर्ण घटक दल है।

जेडीयू के निर्णय का प्रभाव
भले ही जेडीयू ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है, लेकिन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को इससे कोई खतरा नहीं है। भाजपा के पास अभी भी मणिपुर विधानसभा में मजबूत बहुमत है। हाल ही में, कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने भी बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बावजूद सरकार की स्थिरता बनी हुई है।
मणिपुर विधानसभा का वर्तमान परिदृश्य
साल 2022 के विधानसभा चुनावों में जनता दल (यूनाइटेड) ने राज्य में छह सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, चुनाव के पांच महीने बाद ही इनमें से पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्तमान में, मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 37 विधायक हैं। इसे नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। इस समर्थन के साथ भाजपा को आरामदायक बहुमत हासिल है और सरकार की स्थिति स्थिर बनी हुई है।