झुंझुनूं, 14 दिसंबर। जिले के दौरे पर आए प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत को जनता जल योजना के पंप चालकों ने वसूली आदेशों को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जिला अध्यक्ष विजेंद्र सिंह इंडाली ने किया। ज्ञापन में पंप चालकों ने जनवरी 2023 से की जा रही न्यूनतम मजदूरी के भुगतान के खिलाफ 14,000 रुपये प्रति पंप चालक वसूली के आदेश को निरस्त करने की मांग की।
वसूली आदेश को लेकर आक्रोश
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में बताया कि वर्तमान में पंप चालकों को न्यूनतम मजदूरी के तहत 7,410 रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। जनवरी 2023 से जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता और सहायक अभियंता ने वसूली के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश श्रम विभाग की अधिसूचना के विपरीत है, जिसमें न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करने का निर्देश है।
पंप चालकों ने इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि श्रमिकों से वसूली के आदेश तत्काल निरस्त किए जाएं।
संविदा सेवा में शामिल करने की मांग
पंप चालकों ने ज्ञापन में बताया कि जनता जल योजना की स्थापना 1994 में भैरों सिंह शेखावत के कार्यकाल में हुई थी। पिछले 25-26 वर्षों से कार्यरत इन पंप चालकों को अभी तक अकुशल श्रमिक का दर्जा दिया गया है। उन्होंने मांग की कि उन्हें संविदा सेवा नियमों में शामिल कर स्थायी मान्यता दी जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने अवगत कराया कि इस संबंध में पूर्व में मुख्यमंत्री और जलदाय मंत्री को भी ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
मुख्य बजट में शामिल करने की मांग
पंप चालकों ने प्रभारी मंत्री से आग्रह किया कि उनकी मांगों को आगामी बजट में शामिल कर उन्हें संविदा कर्मचारी मानते हुए उचित आदेश जारी किए जाएं।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख सदस्य
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष विजेंद्र सिंह इंडाली के साथ अन्य पंप चालक भी मौजूद रहे। उन्होंने जलदाय विभाग की अनदेखी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की।
पंप चालकों ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे व्यापक आंदोलन करने को मजबूर होंगे।